क्या कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए सिर्फ तबलीगी जमात के लोग ही जिम्मेदार? – अमर उजाला

शशिधर पाठक, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Updated Wed, 01 Apr 2020 05:56 AM IST

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जब देश में कोरोना पांव पसार रहा था तो देश की कुछ एजेंसियां, सरकार के अफसर कान में तेल डालकर सो रहे थे। तबलीगी जमात का मरकज भी इसका एक उदाहरण है। यह बात अलग है कि अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर पूरा सरकारी तंत्र गर्दन बचाने के लिए मामले से हाथ झाड़ रहा है।

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केंद्र सरकार के एक पूर्व आव्रजन अधिकारी का भी कहना है कि तबलीगी जमात के मरकज में 4000 हजार के करीब लोग इकट्ठा हो रहे थे, इसमें 300 के करीब विदेशी थे तो देश की सरकार और एजेंसियां कहां सो रही थीं।

क्या है मामला? 
निजामुद्दीन में तबलीगी जमात का मरकज 16-24 मार्च तक आयोजित था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगने के बाद 23 मार्च को कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए मरकज समाप्ति की घोषणा हो गई, लेकिन सूत्र बताते हैं कि 1000 से भी अधिक लोग वहां रह गए।

बाद में इन्हें दो दिन पहले डब्ल्यूएचओ की पहल पर निकाला गया। काफी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। निजामुद्दीन मरकज के मौलाना खालिद रशीद ने लोगों से अपील की कि जो लोग मरकज में शामिल थे, वह खुद बाहर आ जाएं। अपनी जांच के लिए आगे आएं।

तबलीगी समाज के प्रवक्ता और मौलाना का कहना है कि उन्होंने 23 तारीख को मरकज समाप्त होने के बाद प्रशासन से लोगों को निकालने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई। इसलिए लोग दिल्ली में लॉकडाउन होने के कारण वहीं रह गए।  

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