‘हमें हालात हर दिन डरा रहे हैं, हम फंसे हुए हैं, मदद न पहुंची तो मर जाएंगे’; 2500 नागरिक जियारत के लिए गए थे

मुंबई(मनीषा भल्ला).गैर मुल्क की जमीन, न कैश, न खाने को, न कोई परिचित और वहां आपका टेस्ट कर आपको पता लगे कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं। इलाज के नाम पर आपको सिर्फ यह बोला जाए कि एहतियात रखें। ईरान के क्योम सिटी में इस खौफनाक पल में जी रहे हैं दिल्ली के 22 वर्षीय आरिफ (बदला हुआ नाम) समेत चार लड़के। 20 फरवरी को इन 14 दोस्तों का दस्ता जियारत के लिए दिल्ली से ईरान गया था। इनकी तरह से देशभर से 2500 लोग पहुंचे थे। इनमें से 1 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

मदद न मिली तो जीना मुश्किल

ईरान में करीब 250 भारतीय कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। आरिफ बताते हैं कि हमें यहां के हालात हर दिन डरा रहे हैं, हम फंसे हुए हैं, मदद न पहुंची तो हम मर जाएंगे। वो बताते हैं कि 22 फरवरी को कोरोना फैलने की वजह से क्योम में हड़कंप मच गया। हम यहां से ईरान के दूसरे शहर चले गए। इस बीच पता चला कि भारतीय एंबेसी टेस्ट करवा कर तीर्थ यात्रियों को भारत भेज रही है। हम क्योम वापस पहुंचे। पर यहां टेस्ट की व्यवस्था नहीं होने पर तेहरान एम्बेसी चले गए। यहां टेस्ट कराया। 10 की रिपोर्ट निगेटिव आई और 4 पॉजिटिव निकले।

चार लोग एक कमरे में बंद, 10 जैसलमेर पहुंचे

हमारे ग्रुप से 10 लोग जैसलमेर पहुंच गए हैं। पर हम चार लोग एक कमरे में बंद हैं। यहां कोई मेडिकल सुविधा नहीं है। कुछ यही हाल यहां पढ़ने के लिए आए भारतीय छात्रों का है। अल मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से इस्लामिक स्टडीज की पढ़ाई करने वाले एक छात्र बताते हैं कि हम सभी भारत लौटना चाहते हैं। इसके लिए एंबेसी से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।

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ईरान के क्योम सिटी में फंसे हैं दिल्ली निवासी 22 साल के आरिफ (बदला हुआ नाम) समेत चार लड़के।

Source: DainikBhaskar.com

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