- जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- मुस्लिमों को ना दें कोरोना फैलाने का दोष
- उमर ने कहा कि तबलीगी जमात के नाम पर कुछ लोगों को मुस्लिमों को गाली देना आसान होगा
- अब्दुल्ला ने कहा, कुछ लोग ऐसे बर्ताव करेंगे जैसे मुस्लिमों ने कोरोना पैदा करके दुनिया में फैला दिया
श्रीनगर
तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम के बाद हजारों लोगों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। इंटरनेट पर ट्रोलिंग को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि कोरोना फैलाने का दोष मुस्लिमों कि सिर नहीं मढ़ा जाना चाहिए। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद कुछ लोग ऐसा कहेंगे, जैसे मुस्लिमों ने ही कोरोना को पैदा किया और पूरी दुनिया में फैला दिया।
हाल ही में पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीसीए) से बरी होने और नजरबंदी से बाहर आने के बाद उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद जमात से जुड़े हजारों लोग देशभर में फैल गए हैं। कई राज्य इन लोगों की तलाश कर रहे हैं क्योंकि जमात में शामिल हुए कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सोशल मीडिया पर मुस्लिमों को ट्रोल किए जाने को लेकर उमर अब्दुल्ला ने सिलसेलवार कई ट्वीट्स किए हैं।
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‘कुछ लोगों के लिए तबलीगी के बहाने मुस्लिमों को गाली देना आसान’
उमर अब्दुल्ला लिखते हैं, ‘अब कुछ लोगों के लिए तबलीगी जमात सबसे आसान बहाना बन जाएगा कि वे हर जगह मौजूद मुस्लिमों को गाली दे सकें, जैसे मुस्लिमों ने ही कोरोना पैदा किया हो और पूरी दुनिया में फैला दिया हो। देश के ज्यादातर मुसलमानों ने सरकारी नियमों और सलाहों का ठीक उसी तरह पालन किया है, जैसे कि किसी और ने किया।’
उमर अब्दुल्ला ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘वे लोग किसी भी वायरस से खतरनाक हैं, जो तबलीगी वायरस जैसे हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं। उनके शरीर तो ठीक हैं लेकिन दिमाग बहुत बीमार है।’ उमर अब्दुल्ला ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर भी रीट्वीट करके निशाना साधा है। शपथ ग्रहण समारोह में शिवराज सिंह चौहान के साथ सैकड़ों विधायक इकट्ठा हुए थे।
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अब तक 24 लोगों को कोरोना की पुष्टि
दरअसल, दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के 2,500 लोगों का जमावड़ा लगा था। इसी जमात से जुड़े कई विदेशी मुसलमान लखनऊ, पटना और रांची की मस्जिदों में छिपे मिले। निजामुद्दीन स्थित मरकज के कार्यक्रम में विदेशों से भी सैकड़ों मुसलमानों ने शिरकत किया और अपने-अपने देश लौटे। मरकज के ‘जोड़’ कार्यक्रम में शामिल अब तक 24 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है।