अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली/हैदराबाद।
Updated Tue, 31 Mar 2020 02:43 AM IST
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सार
जानलेवा लापरवाही
- निजामुद्दीन में 1-15 मार्च के बीच जुटे थे लोग
- तमिलनाडु, तेलंगाना व जम्मू-कश्मीर में भी मिले संक्रमित
- तेलंगाना में हुई 6 लोगों की मौत, एफआईआर के आदेश
विस्तार
तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि ये सभी संक्रमित थे। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती संदिग्धों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है। दिल्ली सरकार ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए तब्लीगी जमात के मरकज संचालकाें पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च के बीच जलसे में सऊदी अरब, दुबई, उजबेकिस्तान, इंडोनेशिया और मलयेशिया के अलावा देश के कई राज्यों से लोग आए थे। इनमें 600 भारतीयों सहित करीब 2000 लोग थे। लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में लोग चले गए थे, लेकिन सोमवार को मरकज में 24 लोगों के पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया।
शाम तक 350 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ राज्यों में यहां से वापस गए लोग भी पॉजिटिव मिले हैं। तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी लौटे लोगों में से कुछ संक्रमित मिले हैं। रविवार को छह यमन नागरिकों में संक्रमण की पुष्टि के बाद लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू किया।
दिल्ली के अलावा यूपी, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु व तेलंगाना सरकार आयोजन में शामिल लोगों की तलाश कर रही है। गुंटूर विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी तब्लीगी जमात में आए थे, जो संक्रमित मिले हैं। इसके बाद शेख परिवार के 14 सदस्य क्वारंटीन हैं। जलसे से लौटे 60 वर्षीय व्यक्ति की बीते हफ्ते कश्मीर में मौत के बाद खतरे की घंटी बज गई थी।