एक्शन में सरकार, तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं के विदेश से भारत आने पर रोक – अमर उजाला

दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में कई लोगों के कोरोना संक्रमित होने के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। वीजा नियमों व शर्तों को तोड़ने पर सरकार ने विदेशी तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं के भारत आने पर रोक लगा दी है। इन्हें फिलहाल पर्यटक वीजा नहीं मिलेगा। किसी भी विदेशी को भारत आकर तबलीगी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। 

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इसी के साथ गृह मंत्रालय ने वीजा के लिए आवेदन करने वाले तबलीगी कार्यकर्ताओं के भारत में रहने, वापसी का टिकट, उनके वित्तपोषण से जुड़ी सभी जानकारियां मांगी हैं। बता दें कि निजामुद्दीन मरकज में देश के कोने-कोने से इसके सदस्य तो आए ही थे, विदेशों से भी भारी संख्या में कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे।

गृह मंत्रालय ने कहा कि तबलीगी जमात के लोग पर्यटक वीजा पर ही भारत आते हैं। मंत्रालय ने पहले ही गाइडलाइंस जारी की है कि पर्यटक वीजा पर इन्हें किसी तरह के मिशनरी कार्य में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। पुलिस इस मामले में आगे की जांच करेगी और कार्रवाई करेगी।  

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गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ऐसे लोगों ने, जिन्होंने हाल ही में भारत की यात्रा की है और वीजा नियमों व शर्तों की अवहेलना की है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाना भी शामिल है। 

मंत्रालय ने कहा कि अभीतक 1339 तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं को दिल्ली के नरेला, सुल्तानपुर और बक्करवाला क्वारंटीन केंद्र में भेजा गया है। इसके अलावा इनमें से कुछ को एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।   
 

कुल 2100 विदेशी आए भारत 

इससे पहले आज सरकार ने कहा कि इस साल एक जनवरी से देश में तबलीगी गतिविधियों के लिए 2100 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई। 

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 216 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। बयान में कहा गया कि ऐसा आकलन है कि एक जनवरी से तबलीगी गतिविधियों के लिए 2100 विदेशी भारत आए।
 

तबलीगी जमात के देशी और विदेशी कार्यकर्ता साल भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या ‘चिल्ला’ के लिए दौरे पर रहते हैं। इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिए आते हैं।

बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं। यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है।

चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर’ (प्रदेश अध्यक्ष) के द्वारा किया जाता है। इसमें कहा गया है कि 21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय। 

इसमें कहा गया कि इसके साथ ही 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे। 

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