बिजनेस डेस्क. कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर के बाजारों में कोहराम मचा हुआ है। दुनिया के सभी प्रमुख बाजार लगातार गिर रहे हैं। भारत समेत दुनिया के 7 देशों के बाजारों में लोअर सर्किट लगा। इसके चलते इन बाजारों में कुछ समय के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। भारत में लोअर सर्किट से 45 मिनट तक ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। इससे पहले 2008 में बाजार को लोअर सर्किट के चलते बंद करना पड़ा था। तब दुनिया के बाजारों में मंदी के चलते भी भारतीय बाजार गिरे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार डाऊ जोंस में भी ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए रोकी गई।
दुनिया के 7 बाजार जहां लोअर सर्किट की वजह से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी
मार्केट | गिरावट |
फीसदी में |
अमेरिकी मार्केट डाउ 30 |
-2,352.60 |
-9.99% |
नैस्दक कंपोजिट | – 750.25 | -9.43% |
एस एंड पी 500 | -260.75 | -9.51% |
कनाडा की मार्केट एस एंड पी टीएसएक्स |
1754.64 | -12.30% |
फ्रांस की मार्केट सीएसी 40 |
-565.92 | -12.28% |
जमर्नी की मार्केट डीएएक्स |
-1277.98 | -12.24% |
इटली की मार्केट एफटीएसई एमआईबी |
-2,979.14 | -16.62% |
रूस की मार्केट एमआईसीईएक्स |
-206.48 | -8.28% |
भारतीय बाजार सेंसेक्स |
-3600 |
-11% |
नोट: भारतीय बाजार को छोड़कर दूसरे देशों के 12 मार्च के बंद भाव हैं।
सेंसेक्स के इतिहास में अब तक 4 बार लोअर सर्किट लग चुका है
21 दिसंबर 1990: सेंसेक्स में 16.19% की गिरावट दर्ज की गई थी। इस गिरावट के बाद शेयर बाजार 1034.96 के स्तर पर पहुंच गया था।
28 अप्रैल 1992: तब सेंसेक्स में 12.77% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 3896.90 के स्तर पर बंद हुआ था।
17 मई 2004:शेयर बाजार में 11.14% की गिरावट दर्ज की गई। तब शेयर बाजार 4505.16 के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।
24 अक्टूबर 2008: सेंसेक्स में 10.96% की गिरावट दर्ज की गई थी। उस दिन शेयर बाजार 8701.07 के स्तर पर बंद हुआ था।
13 मार्च 2020: सेंसेक्स 11% तक गिरा, इसके बाद लोअर सर्किट लग गई। इसके बाद बाजार को 45 मिनट तक बंद करना पड़ा।
सर्किट क्या है और यह कब लगता है?
भारतीय शेयर बाजार में अचानक आए बड़े उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए सर्किट लगाया जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अपर सर्किट और लोअर सर्किट। अपर सर्किट तब लगाया जाता है जब बाजार एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है। सेबी ने अपर सर्किट के लिए तीन सीमाएं 10%, 15% और 20% तय की हैं। इसी तरह शेयर बाजार के तय सीमा से ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगाया जाता है। इसके लिए भी 10%, 15% और 20% तय की गई हैं। सर्किट की शुरुआत जुलाई 2001 सेबी की गाइडलाइन के बाद हुई थी।
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Source: DainikBhaskar.com