राज्यपाल से मिले शिवराज और सिंधिया, फ्लोर टेस्ट कराने की मांग – आज तक

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में 22 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा
  • मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामने के बाद से मध्य प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. शुक्रवार को बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सूबे के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से कहा कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. लिहाजा कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए कहा जाए.

दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. इससे मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है. कांग्रेस के जिन 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें से 6 कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे. हालांकि शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर राज्यपाल लालजी टंडन ने इन मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है.

इन मंत्रियों में इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी के नाम शामिल हैं. ये सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं और फिलहाल बेंगलुरु में जमे हुए हैं. इन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था.

इन बर्खास्त मंत्रियों के विभागों को दूसरे मंत्रियों को बांटे गए हैं. इमरती देवी के महिला बाल विकास विभाग को विजयलक्ष्मी साधो को दिया गया है, जबकि प्रद्युम्न तोमर के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को गोविंद सिंह को सौंपा गया है.

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गोविंद सिंह राजपूत के परिवहन विभाग की जिम्मेदारी बृजेंद्र सिंह राठौर को सौंपी गई है, जबकि महेंद्र सिंह सिसोदिया के श्रम विभाग की जिम्मेदारी सुखदेव पांसे को मिली है. गोविंद सिंह राजपूत के राजस्व विभाग को जीतू पटवारी और प्रभुराम चौधरी के स्कूल शिक्षा विभाग को कमलेश्वर पटेल को दिया गया, जबकि तुलसी सिलावट के स्वास्थ्य विभाग को तरुण भनोट को दिया गया है.

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 230 है, जिनमें से दो सीट खाली हैं. लिहाजा वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या 228 है. इस तरह जब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हो जाते हैं, तब तक फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए 115 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.

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अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं, तो सदन में सदस्यों की संख्या 206 हो जाएगा. इसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी.

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