मध्य प्रदेश में स्पीकर ने 22 बागी विधायकों को दिया नोटिस, आज मिलने बुलाया – Navbharat Times

मध्य प्रदेश संकट में अब आगे क्या, बन रहे 4 समीकरण
हाइलाइट्स

  • मध्‍य प्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के 22 बागी विधायकों को मिलने बुलाया
  • इन विधायकों से स्पष्ट करने को कहा गया है कि उन्होंने इच्छा से इस्तीफा दिया है या नहीं
  • बीजेपी ने मांग की है कि राज्‍य की कमलनाथ सरकार बजट सत्र में विश्‍वासमत हासिल करे

भोपाल

मध्‍य प्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस पार्टी के 22 बागी विधायकों को नोटिस भेजकर आज मिलने बुलाया है। इन विधायकों से यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है या दबाव में आकर। स्‍पीकर ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब बीजेपी ने मांग की है कि कमलनाथ सरकार सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में विश्‍वासमत हासिल करे।

इस बीच कांग्रेस का कहना है कि वह 22 विधायकों के इस्तीफे पर फैसला होने के बाद वह विश्‍वासमत के लिए तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बताया कि स्पीकर ने इस्तीफा देने वाले छह मंत्रियों सहित 22 विधायकों को नोटिस जारी किए हैं। उनका कहना था कि ये विधायक अपने इस्तीफे देने के लिए विधानसभा स्पीकर से क्यों नहीं मिल रहे।

बहुमत परीक्षण की मांग करेंगे: बीजेपी

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार को कांग्रेस छोड़ने और 22 विधायकों के इस्तीफे से 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार बड़ी मुश्किल का सामना कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया, ‘राज्य सरकार के अल्पमत में होने के कारण हम राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर से 16 मार्च को बहुमत परीक्षण की मांग करेंगे।’

उनका कहना था कि राज्यपाल और स्पीकर के पास 22 विधायकों के इस्तीफे हैं और अब उन्हें इस पर फैसला करना है। बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने यह भी कहा कि 16 मार्च को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के शुरुआती दिन वे स्पीकर पर बहुमत परीक्षण के लिए दबाव डालेंगे। बीजेपी की इस मांग पर के बारे में पूछने पर, दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बहुमत परीक्षण के लिए तैयार हैं।



‘संवैधानिक संकट के लिए बीजेपी जिम्मेदार’


दिग्विजय का कहना था, ‘कमलनाथ कह चुके हैं कि हम बहुमत परीक्षण के लिए तैयार हैं। लेकिन इससे पहले विधायकों के इस्तीफे पर फैसला होना चाहिए।’ उन्होंने राज्य में संवैधानिक संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया। उनका कहना था, ‘विधायकों के व्यक्तिगत तौर पर स्पीकर से मिलने और अपने हस्ताक्षर की पुष्टि करने के बाद इस्तीफे स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद बहुमत परीक्षण हो सकता है।

कांग्रेस के 19 विधायक बीजेपी की कैद में हैं। इन विधायकों के परिवार के लोग उनसे बातचीत नहीं कर पा रहे हैं। उनके फोन ले लिए गए हैं। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को बीजेपी नेता भूपेन्द्र सिंह की ओर से सौंपना हैरान करने वाला है।’

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपना बहुमत खो चुकी है। 228 विधायकों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 थी और कांग्रेस सरकार को 4 निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन हासिल था। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने पर विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या घटकर 206 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 104 हो जाएगा। कांग्रेस के पास अपने 92 विधायक बचेंगे, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है।

व‍िधानसभा अध्‍यक्ष एनपी प्रजापति ने बाग‍ियों को म‍िलने बुलाया
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