- मई 2008 में शेयर बाजार कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था
- 10% या अधिक की गिरावट पर बाजार में ट्रेडिंग रोक दी जाती है
दुनियाभर में कोरोना वायरस खतरनाक रूप ले चुका है. इस वजह से ग्लोबली शेयर बाजारों में भी गिरावट का दौर जारी है.सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी 10 फीसदी से अधिक लुढ़क गया और इस वजह से 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी.मतलब ये कि इस दौरान शेयर बाजार में कारोबार नहीं हुआ.
– सुबह 10.20 बजे एक बार फिर शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू हुई. इस दौरान करीब 3300 अंक की फिसलन के कुछ मिनटों बाद सेंसेक्स निचले स्तर से रिकवर होता दिखा. यही हाल, निफ्टी का भी रहा. निफ्टी निचले स्तर से रिकवर होता दिखा. लेकिन कुछ देर बाद सेंसेक्स
45 मिनट के लिए रोकी गई ट्रेडिंग
मतलब ये कि कुछ देर तक शेयर बाजार में कारोबार नहीं होगा. यानी आप न तो शेयर खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं. बीते 12 साल में पहली बार है जब शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोकी गई है. इससे पहले मई 2008 में भी शेयर बाजार कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था. तब ग्लोबली आर्थिक मंदी का दौर था और भारत में भी इसके संकेत मिल रहे थे.
फिलहाल, ये ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकी गई है. अब शेयर बाजार में कारोबार 10.20 बजे से शुरू होगा. स्टॉक एक्सचेंज के नियमों के मुताबिक 1 बजे से पहले शेयर बाजार में फिर से 15 फीसदी तक की गिरावट आई तो 1.45 घंटे तक ट्रेडिंग रोक दी जाएगी. स्टॉक एक्सेंज की भाषा में अब 15 फीसदी का लोअर सर्किट होगा. यहां आपको बता दें कि शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है.
क्यों रोकी जाती है ट्रेडिंग?
दरअसल, दलाल स्ट्रीट में निवेशकों के निवेश को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेडिंग पर रोक लगा दी जाती है. इससे निवेशकों के नुकसान का संकट ज्यादा गहरा होने से बच जाता है. बहरहाल, जब ट्रेडिंग रोकी गई तब सेंसेक्स 3090.62 अंक लुढ़क कर 29,687.52 अंक पर था. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 966.10 की गिरावट के साथ 8,624.05 अंक पर था. इस बीच, रुपया भी ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है. डॉलर के मुकाबले यह 74.50 रुपया पर कारोबार करता दिखा.
ट्रेडिंग रोकने के वक्त सेंसेक्स का हाल
बीएसई इंडेक्स की 30 कंपनियों का हाल
गुरुवार को भी हालात थे खराब
कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को भी दहशत का माहौल रहा. इस दिन सेंसेक्स 2,919.26 अंक टूटकर 32,778.14 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 868.25 अंक लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा. कारोबार के दौरान तो सेंसेक्स 3200 अंक तक नुकसान में रहा, वहीं निफ्टी में भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई. एक वक्त ऐसा लग रहा था जब बाजार में लोअर सर्किट लग जाएगा. बहरहाल, घरेलू शेयर बाजारों में मची अफरातफरी के बीच निवेशकों की 11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई.
US में 15 मिनट के लिए रोकनी पड़ी ट्रेडिंग
कोरोना वायरस के संकट की वजह से अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक डाउ जोन्स और एसएंडपी ने ऐतिहासिक गिरावट देखी. शुरुआती कारोबार में डाउ जोन्स की गिरावट देखते हुए ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक देनी पड़ी. मतलब ये कि अमेरिकी शेयर बाजार में 15 मिनट के लिए किसी भी तरह का कारोबार नहीं हुआ. अंत में डाउ जोन्स 10 फीसदी यानी 2,352.60 अंक लुढ़क कर 21,200.62 अंक के स्तर पर बंद हुआ. ये 1987 के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है. इसी तरह, एसएंडपी 9.5 फीसदी लुढ़क कर बंद हुआ.
यस बैंक का क्या है हाल?
इस बीच, प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक के शेयर में 9.58 फीसदी की गिरावट रही और यह 22.65 रुपये के भाव पर आ गया. इससे पहले गुरुवार को यस बैंक के दो दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया और यह 13.02 फीसदी लुढ़क कर 25.05 रुपये पर बंद हुआ. बता दें कि शुक्रवार यानी आज मोदी सरकार के कैबिनेट की बैठक होने वाली है. इस बैठक के दौरान यस बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को मंजूरी दी जा सकती है. बताया जा रहा है कि आरबीआई कैबिनेट की इस बैठक में यस बैंक के प्रस्तावित री-स्ट्रक्चरिंग प्लान पेश करेगा.