भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए खुद को दुनिया से क्यों काट लिया? – Navbharat Times

सांकेतिक तस्वीर।
हाइलाइट्स

  • देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्राथमिक स्रोत विदेशियों से संपर्क ही है
  • सरकार ने संक्रमण से रोकथाम के लिए वायरस के इन्हीं प्राथमिक स्रोतों से बचाव का फैसला किया है
  • कुछ को छोड़कर सभी वीजा और ओसीआई ट्रैवल फसिलिटी को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया
  • सरकार का निर्देश- बहुत जरूरी नहीं हो तो विदेश यात्रा नहीं करें

नई दिल्ली

भारत ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए दुनिया से खुद को काटकर रखने का अप्रत्याशित फैसला किया है। सरकार ने कोरोना वायरस पर बुधवार शाम की हुई महाबैठक में कुछ को छोड़कर सभी वीजा को 15 अप्रैल तक सस्पेंड कर दिया। हालांकि, राजनयिक, आधिकारिक, संयुक्त राष्ट्र समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों, रोजगार और प्रॉजेक्ट्स से संबंधित वीजा को इस फैसले से बाहर रखा गया है।

दरअसल, वीजा सस्पेंड करना का मुख्य कारण भारतीयों को विदेशों से संक्रमण लाने से रोकना है क्योंकि भारत में अब तक सामने आए मामलों का कनेक्शन विदेशों से ही जुड़ा है। देश में अब तक 50 से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। संक्रमण के ये सारे मामलों के तार किसी न किसी रूप में विदेशों से ही जुड़े हैं।

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मंगलवार को जिन छह नए लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया उनमें तीन ने दुबई के रास्ते अमेरिका की यात्री की थी। दो लोगों ने दुबई की जबकि एक ने लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से फ्लाइट पकड़कर अमेरिका की यात्रा की थी। इनमें चार लोग बेंगलुरु जबकि दो लोग पुणे में हैं। भारत में इन लोगों के संपर्क में आने वाले 1,400 से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।

उधर, भूटान में एक वायरस संक्रमित अमेरिकी के संपर्क में आए 404 भारतीयों को असम में अलग-थलग कर दिया गया है और उन पर नजर बनी हुई है।

बुधवार को इटली से आए 83 लोगों को मानेसर में आर्मी की ओर से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इनमें एक बच्चा और भारतीय मूल के नौ विदेशी हैं।

एयर इंडिया ने बुधवार रात कहा कि वह रोम, मिलान और सिओल के लिए अपनी उड़ानें अस्थाई रूप से बंद कर रही है। विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि रोम (इटली) के लिए सेवाएं 15 से 25 मार्च तक बंद रहेंगी। वहीं मिलान (इटली) और साउथ कोरिया की राजधानी के लिए उड़ानें 14 से 28 मार्च तक निलंबित रहेंगी।

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सरकार की तरफ से जारी अडवाइजरी में कहा गया है कि 15 फरवरी के बाद जिन लोगों ने चीन, इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा की उन्हें भारत आने पर कम से कम 14 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहना होगा। इनमें भारतीय नागरिक समेत दुनियाभर के तमाम यात्री हैं।

भारतीय नागरिकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि बहुत जरूरी नहीं हो तो विदेश यात्रा से बचें। अगर मजबूरी में किसी को विदेश यात्रा करनी पड़ी तो उनके लौटने पर भारत में दो हफ्तों तक आइसोलेशव वार्ड में रहना होगा। जमीनी सीमा से भारत में प्रवेश पर भी रोक लगाने का विचार है। सीमाओं पर चेक पोस्ट्स लगाए जाएंगे जहां भारत आने वालों की स्क्रीनिंग होगी।

कोरोना को WHO ने घोषित किया महामारी

सरकार ने ट्रैवल अडवाइजरी जारी करने के अलावा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महामारी कानून, 1897 की धारी 2 लागू करने का निर्देश दिया है ताकि वहां स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सभी अडवाइजरी तत्काल प्रभाव से लागू हो सके। इस कानून के अंदर जारी निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को अपराधी माना जाता है और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत दंडित करने का प्रावधान है।

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