ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया-कमलनाथ की तस्‍वीर र‍िट्वीट कर बड़ा संदेश दे गए राहुल गांधी – Navbharat Times

राहुल ने ट्वीट र‍िट्वीट कर स‍िंध‍िया को द‍िलाई दोस्‍ती की याद
हाइलाइट्स

  • महान विचारक लियो टॉस्‍लटॉय ने कहा था कि दो सबसे बड़े योद्धा हैं-धैर्य और वक्त
  • मध्‍य प्रदेश सरकार को बचाने के लिए राहुल ने टॉस्‍लटॉय की इसी लाइन का सहारा लिया
  • राहुल ने मित्र ज्‍योतिरादित्‍य की तस्‍वीर ट्वीट कर उन्‍हें भावुक संदेश देने की कोशिश की

नई दिल्‍ली

महान विचारक लियो टॉस्‍लटॉय ने कहा था दो सबसे बड़े योद्धा हैं-धैर्य और वक्त। मध्‍य प्रदेश के सियासी संकट में घ‍िरी कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए राहुल गांधी ने टॉस्‍लटॉय की इसी लाइन का सहारा लिया। उन्‍होंने मध्‍य प्रदेश के सीएम कमलनाथ और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की तस्‍वीर ट्वीट कर दोनों ही नेताओं को एक भावुक संदेश देने की कोशिश की।

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने 13 दिसंबर 2018 को किए गए अपने ट्वीट को उस समय र‍िट्वीट किया जब सिंधिया ने 18 साल पुराना ‘हाथ’ का साथ छोड़कर ‘कमल’ का दामन थाम लिया। यह र‍िट्वीट माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने अपने ‘मित्र’ ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को यह बताने की कोशिश की कि उन्‍हें धैर्य रखना चाहिए था और सही समय आने का इंतजार करना चाहिए था।

एक ही कॉलेज में साथ पढ़े हैं ज्‍योतिरादित्‍य

दरअसल राहुल गांधी और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया दोनों बेहद घनिष्‍ठ मित्र थे। मध्‍य प्रदेश संकट के दौरान ऐसे आरोप लगाए गए कि राहुल गांधी ने सिंधिया को मिलने का समय नहीं दिया। इस गंभीर आरोप पर बेहद भावुक नजर आए। राहुल गांधी ने इसका एक लाइन में जवाब दिया, ‘ज्‍योतिरादित्‍य ऐसे इकलौते नेता हैं जो किसी भी समय मेरे घर आ सकते हैं…वह कॉलेज के दिनों मेरे साथ थे।’

दरअसल, राहुल गांधी और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया दोनों हम उम्र हैं और दिल्‍ली के प्रतिष्ठित सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से एक साथ पढ़ाई की है। दोनों की दोस्‍ती इतनी गहरी थी क‍ि हर बड़े मंच पर वे एकसाथ नजर आते थे। विश्‍लेषकों के मुताबिक राहुल गांधी इस पूरे मामले को लेकर अनिर्णय की स्थिति में थे। राहुल यह तय नहीं कर पाए कि सिंधिया बनाम कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी में किसे तरजीह दी जाए।

एक तरफ राहुल गांधी अनिर्णय की स्थिति में थे, तो दूसरी ओर ज्‍योतिरादित्‍य के पास कोई काम नहीं था। वह पहले ही लोकसभा चुनाव हार चुके थे। निराशा की इस स्थिति में राज्‍यसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने की आशंका ने आग में घी का काम किया। ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का धैर्य जवाब दे गया और उन्‍होंने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया। इस्‍तीफे के बाद ज्‍योतिरादित्‍य ने अपने बयान में इसी का संकेत दिया।

कांग्रेस पार्टी बदल चुकी है: ज्योतिरादित्य

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘ कांग्रेस पार्टी में रहकर मैंने 18-19 वर्षों में पूरी श्रद्धा के साथ देश-प्रदेश की सेवा करने की कोशिश की है। लेकिन मन दुखी है कि जो स्थिति आज उत्पन्न हुई है, मैं कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन से नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है वह कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वास्तविकता से इनकार करती है, नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं दी जाती है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,’मेरे गृह राज्य के लिए हमने एक सपना पिरोया था जब 2018 में वहां सरकार बनी थी, लेकिन 18 महीनों में वे सपने पूरी तरह बिघर गए। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर वचनपत्र पालन करने में विफल रही। किसानों से कहा गया था कि हम 10 दिन में कर्जा माफ करेंगे, लेकिन 18 महीनों में नहीं हो पाया। बोनस नहीं मिल पाया, ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति नहीं हो पाई। किसान तस्त्र हैं तो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर नहीं। कहा गया था कि हर महीने युवाओं को अलाउंस दिया जाएगा, उसकी सुध नहीं। जहां रोजगार उत्पन्न नहीं हुए, वहां भ्रष्टाचार पनप रहा है। वहां ट्रांसफर उद्योग चल रहा है।’

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