नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में सोमवार शाम से शुरू हुआ सियासी उथल-पुथल तेज हो चुका है. मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) से नाराज़ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiriaditya Scindia) पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. आज उनके बीजेपी में शामिल होने की भी चर्चा है. इन सबके बीच सियासी गलियारों में कई सवाल हैं. आखिर वो कौन है, जिसने ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के बीच ‘डील’ कराई? कौन है वो शख्स जिसने सिंधिया को 18 साल का कांग्रेस का साथ छोड़ने के लिए राज़ी किया? वह कौन है, जिसकी मदद से सिंधिया की अब भगवा पार्टी में एंट्री होने जा रही है? इन सभी सवालों का जवाब एक ही है.
अंग्रेजी वेबसाइट ‘आउटलुक’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में मचे सियासी उथल-पुथल के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम (Zafar Islam) का हाथ है. जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है.
राजनीति में आने से पहले बैंक में नौकरी करते थे जफर
जफर इस्लाम मीडिया के लिए जाना पहचाना चेहरा हैं. टीवी चैनलों पर डिबेट में वह हर रोज बीजेपी का बचाव करते हैं. राजनीति में आने से पहले वह एक विदेशी बैंक में काम करते थे और लाखों की सैलरी पाते थे. हालांकि, बाद में वह पीएम मोदी से प्रभावित होकर बीजेपी में आ गए.
ऐसा कहा जाता है कि मृदु भाषी और बेहद शालीन व्यक्तित्व के धनी जफर इस्लाम के पीएम मोदी के साथ काफी अच्छे रिश्ते हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में लाने के लिए उन्हें ही चुना.
पांच महीने में कई बार मिले सिंधिया-जफर
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दूसरे को काफी समय से जानते थे. सिंधिया के दिल्ली स्थित घर पर भी जफर की मुलाकात हो चुकी है. हालांकि, बीते पांच महीने से जफर और सिंधिया के बीच मुलाकात का सिलसिला बड़ गया था. माना जा रहा है कि यहीं से बीजेपी ने गेम शुरू किया था.ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन लोटस
सूत्र बताते हैं कि सिंधिया और जफर हाल ही में पांच बार मिले थे. जफर ने हर मीटिंग के मिनिट्स भी बीजेपी हाई कमान से शेयर किए थे. मुलाकातों के नतीजों के गहन अध्ययन के बाद ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश में ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू कर दिया था.
सिंधिया के मुताबिक ही चला ऑपरेशन
सूत्रों की मानें तो, ‘इस पूरे ऑपरेशन में बीजेपी की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य मदद दी गई. पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य सिंधिया के मुताबिक ही चला.’ यहां तक कि सोमवार और मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के वक्त भी इस्लाम जफर 7, लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद थे.
वहीं, मंगलवार को जब गृह मंत्री अमित शाह ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, तो उस समय भी जफर इस्लाम गृह मंत्री अमित शाह की गाड़ी में बैठे थे. इस तरह सिंधिया को कांग्रेस से अलग करने में जफर ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी, तो मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए. जिससे कमलनाथ सरकार खतरे में आ गई है. सिंधिया के बगावती तेवर के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने की कगार पर है. हालांकि, कमलनाथ अभी भी कह रहे हैं कि फिक्र करने की कोई बात नहीं है. सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर लेगी.
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