राहुल बोले- कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने में बिजी PM, सिंधिया पर दिया ये रिएक्शन – आज तक

  • ज्योतिरादित्य सिंधिया पर राहुल गांधी ने साधी चुप्पी
  • संसद परिसर में हुआ राहुल गांधी से सवाल
  • बिना कुछ कहे निकल गए राहुल गांधी

सिंधिया परिवार के उत्तराधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज है. इस मसले पर जब बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी से सवाल हुआ तो उन्होंने कुछ बोलने से इनकार किया. बुधवार सुबह जब राहुल गांधी संसद भवन परिसर में पहुंचे, तो मीडिया ने उनसे ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे पर सवाल किया लेकिन राहुल बिना कुछ कहे सीधे चल दिए. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाया.

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती उन नेताओं में होती थी, जो राहुल गांधी के करीबी रहे हैं. राहुल गांधी जब कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती उनके करीबियों में होती थी. यहां तक कि लोकसभा में भी दोनों नेता एक साथ ही बैठते थे.

इससे इतर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया और मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने लिखा कि जब प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर रहे थे, तब शायद आपकी सरकार ने कच्चे तेल के नए दाम नहीं देखे. क्या आप भारतीयों को कच्चे तेल में रेट की कमी का फायदा देंगे और पेट्रोल का दाम 60 रुपये से नीचे लाएंगे.

सिंधिया के जाते ही संकट में सरकार

रंगों के त्योहार होली के मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा. उन्होंने चिट्ठी जाहिर कर अपना इस्तीफा दिया और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के साथ ही उनके 22 विधायक समर्थक भी पार्टी छोड़कर चले गए. इसी के साथ ही कांग्रेस मध्य प्रदेश में अल्पमत में आ गई है और अब विधानसभा में बहुमत का संकट बरकरार है.

अपने इस्तीफे में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चिट्ठी में लिखा था कि पिछले एक साल में उनके साथ पार्टी में जो बर्ताव किया गया, उसका ही नतीजा ही आज वह अलविदा कह रहे हैं.

18 साल की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या-क्या दिया? कांग्रेस ने जारी की पूरी लिस्ट

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक हलचल के बीच दोनों पार्टियां अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित करने में लगी हैं. कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर भेज दिया है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने 106 विधायकों को गुरुग्राम ले आई है.

Related posts