मध्य प्रदेश में कमलनाथ की कुर्सी को बचाने के लिए सोनिया गांधी ने कुछ नेताओं को सौंपा जिम्मा – Navbharat Times

राहुल गांधी और प्रियंका के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स

  • कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के कुछ नेताओं को भोपाल में स्थिति को संभालने का काम सौंपा
  • सोनिया गांधी ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता हरीश रावत के साथ बैठक की
  • मध्य प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों को जयपुर शिफ्ट किया जाएगा, राजस्थान में है कांग्रेसी सरकार
  • एमपी में बीजेपी के सभी विधायक मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचे, फिर गुरुग्राम भेजा गया

भोपाल/नई दिल्ली

ऐसे समय में जब मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के कुछ नेताओं को इसके समाधान और भोपाल में स्थिति को संभालने का काम सौंपा है। दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक आज (बुधवार) भोपाल से जयपुर के लिए रवाना होंगे।

मंगलवार को पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। राज्य में अब पार्टी अपनी सरकार को बचाने के लिए प्रयासों में जुटी है।

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पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता हरीश रावत और मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया को पार्टी विधायकों के साथ बातचीत करने के लिए पर्यवेक्षकों के रूप में भोपाल भेजा गया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि इन नेताओं पर असंतुष्ट विधायकों और पार्टी के बीच मध्यस्थता करने तथा उनकी शिकायतों को सुलझाने का जिम्मा भी है।

इससे पहले, सोनिया गांधी ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता हरीश रावत के साथ बैठक की। पार्टी ने सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह को बेंगलुरु में बैठे कुछ बागी विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए भेजा गया है।

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इससे पहले, दिग्विजय सिंह सहित कई कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर ‘होर्स ट्रेडिंग’ का आरोप लगाया और कहा कि उसने राज्य में कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश रची। हालांकि, मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इस बीच कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि पार्टी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले के बाद उनके गुट के पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने वाले विधायकों में छह मंत्री शामिल हैं। (एएनआई से इनपुट)

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