कांग्रेस में बगावत-रिजॉर्ट में MLA…जानिए MP विधानसभा का गणित – आज तक

  • एमपी में कांग्रेस के 22 विधायकों ने भेजा इस्तीफा
  • मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत

ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत और कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बदल मंडराने लगे हैं. इसके बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी सत्ता को बचाए रखने का दावा कर रहे हैं, जिसके चलते बीजेपी सतर्क हो गई है. बीजेपी अपने विधायकों को टूट-फूट से बचाए रखने की कवायद में जुट गई है और उन्हें हरियाणा के मानेसर की होटल में ठहराया गया है.

मध्य प्रदेश के सियासी संकट के बीच मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि वह अपना बहुमत साबित कर देंगे. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि जो विधायक गए हैं, हम उनके संपर्क में हैं. कमलनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. हालांकि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश के विधानसभा का गणित बदल गया है. कांग्रेस अपनी सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रही है तो बीजेपी सिंधिया के कंधे पर सवार होकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है.

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मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है. सिंधिया की बगावत के साथ अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा भेजा है. ऐसे में अगर इन कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो इसकी कुल संख्या 206 हो जाती है, जिसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी.

सियासी संकट से पहले

कांग्रेस 114

बीजेपी 107

बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)

सपा 1

निर्दलीय 4

रिक्त सीटें 2

बहुमत के लिए आंकड़ा 116 चाहिए

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बगावत और टूट-फूट के बाद अब का समीकरण

कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब कुल बचे 88 विधायक

बीजेपी के 107 में से दो बागी, अब कुल 105 विधायक

बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)

सपा 1

निर्दलीय 4

बहुमत के लिए आंकड़ा 104 चाहिए

बदल सकती है मध्य प्रदेश की सत्ता की तस्वीर

बता दें कि साल 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन से कुल 121 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी. लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद विधानसभा के आंकड़ों की तस्वीर बदल चुकी है. अगर मौजूदा परिदृश्य की बात करें तो कांग्रेस के पास सरकार बचाने का जादुई आंकड़ा भी नहीं रहा गया है. कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो बीजेपी 16 मार्च को विधानसभा में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रदेश में एक बार फिर कमल खिला सकती है.

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