सार
ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के विद्रोह की अटकलों के बीच कमलनाथ ने आनन-फानन में अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक में कहा, मैं माफिया की मदद से किसी को भी अपनी सरकार नहीं गिराने दूंगा।
विस्तार
संकट में घिरी कमलनाथ सरकार को उबारने के लिए मध्यप्रदेश कैबिनेट के 20 मंत्रियों ने कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया। माना जाता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे विधायकों को नए मंत्रिमंडल में जगह देकर उन्हें मनाया जाएगा। इस बीच दिन में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के 17 विधायक बंगलूरू चले गए थे। उसके बाद खुद कमलनाथ दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि बंगलूरू गए सभी विधायकों के मोबाइल बंद हैं। उधर, सोमवार देर रात कमलनाथ मंत्रिमंडल की बैठक में सिंधिया खेमे के छह मंत्री मौजूद नहीं थे। उन्होंने इस्तीफा भी नहीं दिया है। इससे पहले कमलनाथ अपना दिल्ली दौरा बीच में ही छोड़कर भोपाल लौट आए थे। सूत्रों के मुताबिक, दोपहर बाद सिंधिया भी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के विद्रोह की अटकलों के बीच कमलनाथ ने आनन-फानन में अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक में कहा, मैं माफिया की मदद से किसी को भी अपनी सरकार नहीं गिराने दूंगा। मैंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया, लेकिन भाजपा मेरी सरकार गिराने के लिए अनैतिक हथकंडे अपना रही है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर पहुंचे। यहां उन्होंने मध्यप्रदेश को लेकर चर्चा की। कांग्रेस कल शाम को विधायक दल की बैठक करेगी। वहीं, कांग्रेस के उमंग सिंघर ने कहा कि मुख्यमंत्री अब राज्य कैबिनेट का पुनर्गठन कर सकते हैं। सभी साथ हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के साथ हैं। अगर मंत्रिमंडल बनना है को सरकार सुरक्षित है।
सिंधिया नहीं माने तो व्हिप जारी कर सकती है कांग्रेस
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर उठे संकट के बीच भोपाल में मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनती दिखी है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं मानते हैं तो कांग्रेस व्हिप जारी कर सकती है।
व्हिप के जरिए पार्टी विशेष सत्र बुलाकर सिंधिया समर्थक विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है कि कांग्रेस को 105 विधायकों के साथ बहुमत साबित करना पड़ेगा।
सिंधिया, कमलनाथ में बढ़ी तकरार
पिछले महीने ही सिंधिया ने खुले तौर पर कहा था कि अगर घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं किया जाता है तो वह सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। इस पर कमलनाथ ने भी दो टूक कहा था कि अगर वह सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं। दरअसल, पूरी खींचतान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर है, जिस पर इस समय मुख्यमंत्री काबिज हैं। जबकि सिंधिया समर्थक चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
कुछ ऐसा है विधानसभा का गणित
230 सदस्यों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 107 सदस्य हैं। कांग्रेस को चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है। बहुमत के लिए जरूरी संख्या 116 है, ऐसे में अगर 17 विधायक कांग्रेस से बगावत करते हैं तो कांग्रेस की संख्या घटकर 97 हो जाएगी। ऐसे में निर्दलीय, सपा व बसपा विधायकों के समर्थन के बावजूद सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में सदन में विश्वास मत पारित करना कमलनाथ के लिए बेहद मुश्किल होगा।
भाजपा विधायक दल की बैठक भी आज
सियासी हलचल के बीच मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें शिवराज सिंह चौहान को ही नेता चुने जाने की संभावना है। प्रदेश के प्रभारी महासचिव विनय सहस्त्रबुद्धे भी आज भोपाल जाएंगे। शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा एक साथ नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर निकले। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। मध्यप्रदेश में भावी मुख्यमंत्री के नाम पर कल शाम को मुहर लग सकती है। केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड की बैठक साथ-साथ हो सकती हैं।
मध्यप्रदेश को स्थिर सरकार की जरूरत : पायलट
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस राजनीतिक संकट के जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई है। पायलट ने ट्वीट किया, मुझे उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में चल रहा संकट जल्द समाप्त होगा और नेता अपने मतभेद निपटा लेंगे। चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य को एक स्थिर सरकार की जरूरत है।
सही कांग्रेसी कांग्रेस में ही रहेगा : दिग्विजय
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन हमें पता चला है कि वह स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं, इसलिए अभी तक उनसे बात नहीं हो पाई है। जो सही कांग्रेसी है वह कांग्रेस में ही रहेगा।’
पूरे पांच साल चलेगी सरकार : पीसी शर्मा
कांग्रेस के पीसी शर्मा ने कहा, बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा दे दिया है। हमने उनसे राज्य कैबिनेट को दोबारा गठित करने का और भाजपा द्वारा बनाई गई परिस्थितियों से निपटने का अनुरोध किया है… सरकार बची हुई है, पूरे पांच साल चलेगी।
यह कांग्रेस का आंतरिक मामला : शिवराज
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की सियासत के वर्तमान हालात को लेकर कहा, ‘यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। हम पहले ही कह चुके हैं कि हम सरकार गिराना नहीं चाहते हैं।’