एमपी में अब क्या विकल्प, बचेगी कमलनाथ सरकार या बीजेपी में जाएंगे सिंधिया? – आज तक

  • भंवर में एमपी की कमलनाथ सरकार
  • एमपी में बचेगी सरकार, या होगा चुनाव
  • सिंधिया की नाराजगी से बढ़ा कमलनाथ का संकट

मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सवाल है कि अब मध्य प्रदेश में क्या होगा. अगर विकल्पों पर गौर करें तो एमपी में फिलहाल 3 विकल्प सामने आते हैं. ऐसा हो सकता है कि मान-मनौव्वल के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मान जाएं और उन्हें एमपी कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाए, इसके अलावा उन्हें राज्यसभा के जरिए संसद भेज दिया जाए. लेकिन अगर सिंधिया नहीं मानते हैं तो एमपी की सरकार गिर सकती है. एक तीसरा रास्ता ये है कि सिंधिया बीजेपी में शामिल हो जाएं, इसके बाद एमपी में बीजेपी फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो जाए.

होली से ऐन पहले एमपी की सियासत में रंग में भंग पड़ गया. जो विधायक होली मनाने अपने-अपने क्षेत्रों में जाने वाले थे उन्हें अचानक से भोपाल तलब कर लिया गया. चाहे वो कांग्रेस के विधायक हो या फिर बीजेपी. भोपाल में सोमवार को देर रात तक कांग्रेस के विधायकों की बैठक सीएम के साथ चली तो, बीजेपी के विधायकों को भी होली के दिन विधायक दल की बैठक के लिए बुला लिया गया.

आखिर अगले कुछ दिनों में एमपी में सियासी तस्वीर कैसी उभर सकती है.

पहला विकल्प- MP कांग्रेस अध्यक्ष बनें सिंधिया

अगर कांग्रेस आलाकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने में सफल हो गई तो इसके एवज में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इसके अलावा उन्हें राज्यसभा भेजा सकता है. 26 मार्च को एमपी में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव है.

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कांग्रेस बीजेपी की मौजूदा शक्ति देखें तो एमपी में एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी की जीत तय है. एक सीट पर असमंजस बरकरार है. इस वक्त कांग्रेस की ओर से राज्यसभा जाने के लिए के दो दावेदार हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह. कहा जा रहा है कि राज्य का मौजूदा संकट भी इससे जुड़ा है.

दूसरा विकल्प-बीजेपी में शामिल होंगे सिंधिया, केंद्र में बनेंगे मंत्री

कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर अपनी नाराजगी पर कायम रहते हैं तो कांग्रेस छोड़कर वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि तब सिंधिया समर्थक कांग्रेस विधायक कमलनाथ सरकार को गिरा सकते हैं और एमपी में कांग्रेस सरकार का पतन हो सकता है.

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तीसरा विकल्प-गिरेगी सरकार, फिर से चुनाव

मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू हो रहा है. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी 16 मार्च को ही कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी बरकरार रही तो शक्ति परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार का टिकना मुश्किल हो जाएगा. एमपी में सरकार गिरने की हालत में राज्य में फिर से चुनाव हो सकते हैं.

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