न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Mon, 09 Mar 2020 01:02 AM IST
ख़बर सुनें
डॉक्टरों के मुताबिक बुखार, खांसी ओर जुकाम की वजह से उसे भर्ती किया गया था। स्वास्थ्य सेवा के निदेशक अजय चक्रवर्ती ने बताया कि कोरोनावायरस की जांच के लिए भेजे गए उसके नमूने की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। ऐसे में हो सकता है कि जनारुल हक की मौत डायबिटीज से हुई हो।
उन्होंने बताया, ‘इस व्यक्ति के शुगर का स्तर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ था और उसे इंसुलिन लेनी पड़ रही थी। वह सऊदी अरब से लौटा था और पिछले 3-4 दिनों से उसके पास इंसुलिन लेने के लिए पैसा नहीं था।’
स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने आगे बताया कि उसे बुखार के साथ खांसी-जुकाम भी था। उसे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में शनिवार को रखा गया था। रविवार को उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हमें मेडिकल जांच की रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि कोरोनावायरस की वजह से मौत की संभावना काफी कम ही है।
हक के अंतिम संस्कार को लेकर खास सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उसके परिजनों को शव को छुने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि वह खांसी से परेशान था। उसे सांस लेने में भी तकलीफ थी। सुपुर्द ए खाक के दौरान लोगों को मास्क और ग्लव्स पहनने को कहा गया है।