अफगानिस्तान: राष्ट्रपति अशरफ गनी के शपथ समारोह के पास कई धमाके, फायरिंग – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • लगातार दूसरी बार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति बने अशरफ गनी
  • गनी के शपथ समारोह के दौरान ही कुछ दूरी पर कई धमाके, फायरिंग भी की गई
  • राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा- हम धमाकों से डरने वाले नहीं हैं
  • प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित किया

काबुल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में उस समय बड़ा धमाका हुआ जब अशरफ गनी लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे थे। शपथ समारोह से कुछ ही दूरी पर लगातार कई धमाकों और गोलियों की आवाजें सुनाईं दी हैं। धमाके की आवाज सुनते ही शपथ समारोह में हड़कंप मच गया, राष्ट्रपति गनी के अंगरक्षकों ने उन्हें तुरंत घेर लिया। हालांकि, गनी ने वहां मौजूद लोगों का हौंसला बढ़ाते हुए अपना संबोधन जारी रखा।

गनी दूसरी बार बने राष्ट्रपति, शपथ से कुछ दूर हुआ धमाका

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि हम धमाकों से डरने वाले नहीं हैं। अगर अफगानिस्तान को मेरे बलिदान की जरूरत है तो मैं खुद का बलिदान देने के लिए तैयार हूं। वहीं धमाकों के बाद अफगानिस्तान की प्रथम महिला और रूला गनी भी अपनी जगह से उठी और लोगों की ओर हाथ उठाकर उनका हौसला बढ़ाया।

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हम धमाकों से डरने वाले नहीं: अशरफ गनी

वहीं दूसरी ओर अशरफ गनी के प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित किया है। राष्ट्रपति पद पर दोनों दावेदारों के आमने-सामने आने के बाद तालिबान के साथ वार्ता की योजना के खतरे में पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर करीब दो सप्ताह पहले हस्ताक्षर किए गए थे।

अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित किया

पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच विवाद है कि वास्तव में जीत किसने हासिल की। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अफगान सरकार अपने को एकजुट पेश करने में असमर्थ रहा है। जब अमेरिका और तालिबान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए तो वादा किया गया था कि अफगान लोग अपने देश के भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए आपस में बातचीत करेंगे। अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान से उसकी सेना की वापसी तालिबान के आतंकवाद विरोधी वादों से जुड़ा है न कि तालिबान और अफगान सरकार के बीच बातचीत की सफलता से।

तालिबान के साथ वार्ता की योजना खतरे में

अफगानिस्तान के चुनाव आयोग ने सितंबर के चुनाव में राष्ट्रपति अशरफ गनी को विजेता घोषित किया था। देश की एकता सरकार में उनके पूर्व सहयोगी मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और चुनाव शिकायत आयोग का कहना है कि चुनाव में धांधली हुई है। इसके फलस्वरूप गनी और अब्दुल्ला दोनों ने खुद को विजेता घोषित कर दिया।

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