International Womens Day : लखनऊ की ज्योतिप्रिया सिंह बनीं अपराधियों के लिए ज्वाला – दैनिक जागरण

Publish Date:Sun, 08 Mar 2020 12:04 PM (IST)

लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। International Women’s Day 2020: जब शिक्षा ग्रहण का दौर था तो लखनऊ यूनिवर्सिटी में चांसलर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। मैदान में उतरीं तो नेशनल टीम तक सफर तय कर डाला। इसके बाद जब आइपीएस बनीं तो अपराधियों के लिए खौफ साबित हुईं। मनचले तो नाम से डरते हैं और रास्ता बदल देते हैं। नेता हों या माफिया इनके आगे कोई नहीं टिकता। यह किसी रील लाइफ की नायिका का चरित्र चित्रण नहीं, बल्कि रियल लाइफ की आइपीएस अफसर ज्योति प्रिया सिंह हैं।

महाराष्ट्र कैडर की 2008 बैच की आइपीएस अफसर ज्योति प्रिया सिंह लखनऊ की निवासी हैं। जिस शख्स में इतनी सारी खूबियां हों, बेशक वह असाधारण प्रतिभा का धनी होगा। ज्योति प्रिया सिंह फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर देश की अहम जांच एजेंसी एनआइए में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं।

महिला दिवस पर ज्योति प्रिया की बात इसलिए कि वह देश के अफसरों के लिए मिसाल हैं जो सत्ता और पैसे की चकाचौंध में कर्तव्य से पीछे हट जाते हैं। महाराष्ट्र में तैनाती के दौरान एक घटना के बाद ज्योति प्रिया पूरे देश में चर्चा में आईं। वहां कोल्हापुर में एडिशनल एसपी के पद पर रहते हुए ज्योति प्रिया ने शिवसेना के तत्कालीन एमएलए और उनके दर्जनों समर्थकों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कर दिया। इन सभी ने गणेश विसर्जन पर कुछ पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की। महिला पुलिसकर्मियों की शिकायत पर ज्योति प्रिया ने विधायक पर केस कर दिया। इसके बाद तो विभाग से लेकर सरकार तक की ओर से ज्योति पर दबाव बनाया गया, लेकिन केस वापस नहीं लिया। इसके बाद वह पूरे महाराष्ट्र के लिए रोल मॉडल बन गईं। छह फिट से अधिक लंबी ज्योति प्रिया सिंह ने इस घटना के बाद वहां जब मनचलों को सबक सिखाने के लिए खास ऑपरेशन शुरू किया तो सभी की आंखों का तारा बन गईं।

मैदान पर भी चैंपियन

पढ़ाई के अलावा ज्योति मैदान पर भी चैंपियन साबित हुईं। लंबी कद काठी के कारण वह मैदान पर अलग ही नजर आती थीं। ज्योति ने स्कूल-कॉलेज और विवि के बाद बास्केटबाल में जूनियर इंडिया टीम तक का सफर पूरा किया। खेल के मैदान में तो उनको अपना जौहर दिखाने का मौका रग-रग में बसे खिलाड़ी के कारण ही मिला। इनके पिता भारतीय वॉलीबाल टीम के पूर्व कप्तान अर्जुन पुरस्कार विजेता रनवीर सिंह तथा माता एना सिंह उत्तर प्रदेश व भारतीय महिला टीम की पूर्व खिलाड़ी हैं।

लविवि में जीता चांसलर गोल्ड मेडल

ज्योती प्रिया का जन्म लखनऊ में हुआ। पिता रिटायर्ड पीपीएस अफसर रनवीर सिंह और मां ऐना सिंह दोनों ही वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे और सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित अवार्ड से भी सम्मानित किया। माता एना सिंह महिला कॉलेज लखनऊ में प्रवक्ता भी थीं। ज्योति ने लविवि से पढ़ाई की। यहां पर जीव विज्ञान में टॉप करने पर उनको 2003 में चांलसर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

आइएएस ऑफिसर बनना था सपना

ज्योति का कहना है कि वह बचपन से आइएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं। यूपीएससी की परीक्षा में 171 रैंक मिली और उन्हें आइपीएस कैडर लेना पड़ा। 

Posted By: Dharmendra Pandey

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