यस बैंक: 50 हजार नहीं 5 लाख तक निकाल सकते हैं अकाउंट होल्डर, ये हैं तीन शर्तें – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • रिजर्व बैंक ने यस बैंक से निकासी की सीमा तय कर दी है
  • एक महीने में अधिकमत 50 हजार निकाले जा सकते हैं
  • हालांकि कुछ परिस्थितियों में यह सीमा 5 लाख तक है
  • वित्त मंत्री ने कहा कि एक महीने में बैंक का पुनर्गठन किया जाएगा

नई दिल्ली

रिजर्व बैंक ने संकटग्रस्त यस बैंक से निकासी की सीमा तय कर दी है। अकाउंट होल्डर एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये निकाल सकते हैं। इमर्जेंसी में अकाउंट होल्डर 5 लाख तक की निकासी कर सकते हैं। अगर किसी को 5 लाख से ज्यादा की निकासी करनी है तो यस बैंक के आरबीआई एडमिनिस्ट्रेटर को एक चिट्ठी लिखनी होगी। मंजूरी मिलने के बाद उसे पैसा मिल जाएगा।

इन हालात में 50 हजार से ज्यादा निकासी को मिलेगी मंजूरी

1. अकाउंट होल्डर या फिर उसके परिवार के लोगों के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए।

2. अकाउंट होल्डर या उसके परिवार में जो उसपर निर्भर है, अगर वह स्टडीज के लिए देश-विदेश जाता है तो इस कंडिशन में 50 हजार से ज्यादा रकम निकाल सकते हैं।

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3. शादी जैसे जरूरी इवेंट के लिए छूट दी गई है।

इस बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यस बैंक के कायाकल्प को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर यस बैंक का पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक ने भी यस बैंक को उबारने में दिलचस्पी दिखाई है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर बनाए है।

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इस बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यस बैंक के कायाकल्प को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर यस बैंक का पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक ने भी यस बैंक को उबारने में दिलचस्पी दिखाई है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर बनाए है।

उन्होंने कहा कि 2017 से ही रिजर्व बैंक की नजर यस बैंक पर थी। फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यस बैंक के साथ क्या गलत हुआ। उन्होंने खुलकर कहा कि बैंक ने कर्ज बांटने में लापरवाही बरती। बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं।

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वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 30 दिनों के भीतर यस बैंक का पुनर्गठन किया जाएगा। बता दें 2004 में इस बैंक की स्थापना की गई थी और 14 साल बाद 2018 में इसके बोर्ड के बदलने का फैसला लिया गया था। इस दौरान बैंक में तमाम अनियमितताएं हुईं।

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