यस बैंक: बेटे के एडमिशन के लिए तीन साल से रुपये जोड़े, अब क्या होगा? – Navbharat Times

हाइलाइट्स

  • यस बैंक की ब्रांच और एटीएम पर अफरातफरी और परेशान घूमते रहे लोग
  • तीन-चार घंटे लाइन में लगने के बाद ही लोग रुपये निकाल सके
  • बैंक के ज्यादातर एटीएम खाली, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी नहीं हुआ
  • सुबह से ही बैंक की ब्रांच में रुपये निकालने वालों की लंबीं लाइन लग गई

एनबीटी टीम, नई दिल्ली

यस बैंक पर संकट की खबरें मिलने के बाद दिल्ली में भी इस बैंक के ग्राहकों में खासा पैनिक देखने को मिला। शुक्रवार को दिल्ली में यस बैंक की सभी ब्रांचों पर लोगों की भीड़ नजर आई, जो अपना पैसा निकलवाने के लिए पहुंचे थे। बैंक के ज्यादातर एटीएम भी खाली मिले। बैंक में काम करने वाले कर्मचारी भी अपने भविष्य को लेकर चिंता में पड़ गए हैं। सरकार और आरबीआई की तरफ से दी गई तमाम दलीलों के बावजूद लोग यस बैंक में पैदा हुए संकट को नोटबंदी की तरह देख रहे हैं और कमोबेश उसी तरह का अफरातफरी और परेशानी का माहौल यस बैंक की ब्रांचों पर देखने को मिल रहा है।

कई लोगों को लौटना पड़ा खाली हाथ

कैश निकालने पहुंचे एक अन्य ग्राहक शिव दत्त ने बताया कि उनकी कंपनी का अकाउंट इसी ब्रांच में है। वह दोपहर एक बजे चेक से 50 हजार रुपये निकालने आए थे, लेकिन काउंटर पर उन्हें बताया गया कि उनके अकाउंट से पहले ही 3,400 रुपये की ट्रांजैक्शन हो चुकी है, इसलिए उन्हें भी उतनी रकम नया चेक बनाकर देना होगा। उनके पास भी दूसरा चेक नहीं था, इसलिए उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ा। इसी ब्रांच में एक बुजुर्ग ऐसे भी मिले, जो सुबह ही अपने दो अकाउंट से कैश निकाल चुके थे। उन्होंने अपनी बेटी को भी कैश निकालने की सलाह दी थी, लेकिन वह ऑनलाइन कैश ट्रांसफर करने की बात कहकर घर पर ही बैठी रही और जब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं हो पाई, तो बेटी के कहने पर उन्हें फिर से बैंक में पैसे निकालने के लिए आना पड़ा।

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पता नहीं कब मिलेगा फंसा हुआ पैसा

द्वारका के सेक्टर-7 में स्थित यस बैंक की ब्रांच में भी अफरातफरी का माहौल था। ज्यादातर लोग पैसे निकालने के लिए आए हुए थे, तो वहीं कई लोग मीडिया में आई खबरें देखने के बाद पूछताछ के लिए भी यहां पहुंचे थे। बैंक के अधिकारी सबको समझा रहे थे कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों के लिए चाय-कॉफी का भी इंतजाम किया गया था, लेकिन लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थी। वहीं सेक्टर-12 की ब्रांच में भी कुछ ऐसा ही हाल था। ज्यादातर लोगों का कहना था कि अभी जितना पैसा निकाल सकते हैं, उतना तो निकाल लें। पता नहीं आगे चलकर क्या हो? लोगों की बातों से लगा कि उन्हें यह विश्वास तो है कि उनका पैसा डूबेगा नहीं, लेकिन बैंक में अपना पैसा फंसा रहने का डर उन्हें जरूर सता रहा था। उनका कहना था कि पता नहीं उनका फंसा हुआ पैसा अब कब मिलेगा और अगर कोई इमरजेंसी आ गई, तो क्या होगा।

बेटे के एडमिशन का अब क्या होगा?

द्वारका के सेक्टर-12 में रहने वाली पायल ने बताया कि उन्हें गुरुवार की शाम को रिश्तेदारों से पता चला कि यस बैंक के ग्राहक अब सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल पाएंगे। खबर मिलते ही वह तुरंत एटीएम पहुंचीं, तो देखा कि उसमें पैसे ही नहीं थे। शुक्रवार सुबह 9:30 बजे वह बैंक पहुंची, तो बैंक के खुलने से पहले ही बाहर लंबी लाइन लगी मिली। बैंक खुलने के बाद सबके चेक लेकर उन्हें टोकन दे दिए गए और फिर नंबर आने पर पैसे दिए गए। दोपहर 3:30 बजे तक भी पायल का नंबर नहीं आया था। उन्हें 12वीं के एग्जाम दे रहे अपने बच्चे के एडमिशन के लिए पैसे निकलवाने थे। पायल ने कहा कि हम पिछले 3 साल से यहां अपने अकाउंट में पैसा जोड़ रहे थे, ताकि बच्चे के एडमिशन के समय कोई दिक्कत ना आए, लेकिन अब जब एडमिशन का समय नजदीक आ रहा है, तो कहा जा रहा है कि हम महीने में सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं।

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चाय-पानी पिलाकर लोगों को दिया दिलासा

पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग पर स्थित यस बैंक की ब्रांच आमतौर पर शाम 4 तक बंद हो जाती है, लेकिन शुक्रवार को यह शाम 5 बजे बाद भी खुली हुई थी, क्योंकि बैंक में ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ जमा थी। अंदर बुजुर्गों और महिलाओं की अलग-अलग लाइन लगी हुई थी। बैंक का स्टाफ भी लोगों की परेशानी को समझते हुए उन्हें दिलासा देने की कोशिशों में लगा हुआ था। काफी देर से बैंक में खड़े लोगों को बिस्किट और पानी दिया जा रहा था। बैंक में कैश तो दोपहर तीन बजे के आसपास ही खत्म हो गया था, लेकिन बैंक के अधिकारियों ने ग्राहकों से कहा कि वे चिंता न करें, जितने भी ग्राहक बैंक के अंदर मौजूद हैं, उन सभी को कैश दिया जाएगा। इसके बाद किसी दूसरी ब्रांच से कैश मंगाया गया।

बैंक में जाएं, तो चेकबुक भी साथ ले जाएं

बैंक के कस्टमर गणेश नगर निवासी राकेश खोसला ने बताया कि वह चेक से 50,000 रुपये निकालने के लिए यहां आए थे, मगर तीन घंटे तक लाइन में लगे रहने के बाद जब उनका नंबर आया, तो कैशियर ने बताया कि उनके अकाउंट से पहले ही पांच हजार रुपये का भुगतान हो चुका है। लिहाजा उन्हें वह रकम घटाकर दूसरा चेक देना होगा। उनकी चेक बुक घर पर थी और उसी दौरान तेज बारिश भी शुरू हो गई थी, इस वजह से वह घर से भी दूसरा चेक नहीं मंगवा पाए और उनकी घंटों की मेहनत बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि वह सुबह नोएडा वाली ब्रांच में भी गए थे और टोकन लेकर वहां भी लाइन में लगे थे, लेकिन जब तक उनका नंबर आया तब तक कैश खत्म हो गया था, इसलिए बैंकवालों ने उन्हें अगले दिन सुबह आने के लिए कहकर वापस भेज दिया।

ज्यादा पैसे निकालना हो, तो क्या करें?

कनॉट प्लेस के एच ब्लॉक में भी यस बैंक की ब्रांच के बाहर सुबह से ग्राहकों की भीड़ लगी हुई थी। बैंक के गेट पर नोटिस लगा दिया था, जिसमें लिखा था कि तमाम कोशिशों के बावजूद बैंक को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए ग्राहकों से खेद प्रकट किया गया था। बैंक में आ रहे ग्राहकों के साथ यहां काम करने वाले कर्मचारी भी अपनी नौकरी और करियर को लेकर टेंशन में नजर आए। कुछ लोगों ने बताया कि यहां लगे एटीएम में रात को ही पैसा खत्म हो गया था और उसके बाद पैसा डाला ही नहीं गया। ज्यादातर लोग चेक लेकर आ रहे थे, ताकि अपने पैसे निकाल सकें। वहीं कुछ लोग यह पूछते भी नजर आए कि अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा निकालना है, तो उसके लिए क्या करना होगा। इस सवाल का बैंक के कर्मचारियों के पास भी कोई जवाब नहीं था।

NBT

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