पीएमसी के बाद अब यस बैंक से मुंबईकरों को झटका, 5 आपबीती झकझोर देगी आपको – Navbharat Times

कैश के लिए लंबी कतार
हाइलाइट्स

  • पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के बाद यस बैंक से मुंबईकरों को झटका लगा है
  • यस बैंक की शाखाओं के बाहर कतार खाताधारकों को लंबी कतारें दिखीं, बैंक का एटीएम खाली
  • आरबीआई के नोटिस से अफरातफरी, लोग बैंक से जल्दी से जल्दी पैसे निकालने के लिए बेचैन दिखे

वीन पांडेय, मुंबई

पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के बाद यस बैंक से मुंबईकरों को झटका लगा है। शुक्रवार सुबह से यस बैंक की शाखाओं के बाहर कतार खाताधारकों को लंबी कतारें लगी रहीं। लोगों को बैंक के बाहर एक गजट चस्पा दिखा, जो खाताधारकों की बेचैनी बढ़ा रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यस बैंक से 50 हजार रुपये से अधिक निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसे में लोग बैंक से जल्दी से जल्दी अपने खाता से पैसे निकालने के लिए बेचैन थे।

कई खाताधारकों को डर था कि कहीं उनका नंबर आते-आते नकद राशि खत्म न हो जाए। इसमें अंधेरी निवासी अनघा सावंत की कहानी बहुत ही अलग है। अनघा कहती हैं, ‘लोग कैसे बैंकों पर भरोसा करेंगे। मेरा अकाउंट पीएमसी बैंक में था। पहले वहां धोखा हुआ। अभी तक पीएमसी बैंक में पैसे फंसे हुए हैं। वे पैसे कब मिलेंगे, यह हमें पता नहीं है। पीएमसी बैंक की असलियत के सामने आने के बाद मैंने यस बैंक में रकम जमा की, जिसके प्रभादेवी शाखा में मेरा खाता है। मैंने आरबीआई के प्रतिबंध के बाद अधिकतम राशि आज निकाल ली, लेकिन अभी भी बहुत राशि बैंक में फंसी है।’

‘पब्लिक का पैसा सुरक्षित करे सरकार’

फोर्ट शाखा के एक खाताधारक ने कहा कि हम दिन रात मेहनत कर एक-एक पैसे बैंक में जमा करते हैं, ताकि वह सुरक्षित रहे। लेकिन अब बैंकों में पैसा जमा करना बड़ा रिस्क हो गया है। सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए कि बैंकों में जमा खाताधारकों के पैसे शत-प्रतिशत सुरक्षित रहे। अगर किसी का पैसा बैंक में अटक जाता है, तो आरबीआई उसकी जिम्मेदारी ले और एक निश्चित समय में खाताधारकों को पैसे वापस दिलाए।

“पीएमसी बैंक की असलियत के सामने आने के बाद मैंने यस बैंक में रकम जमा की। मैंने आरबीआई के प्रतिबंध के बाद अधिकतम राशि निकाल ली, लेकिन अभी भी बहुत राशि बैंक में फंसी है।”-अनघा, यस बैंक ग्राहक

‘कब तक हम कीमत चुकाएंगे’

अब्दुल रहमान का फोर्ट शाखा में सैलरी अकाउंट हैं। वह शुक्रवार सुबह 9 बजे से बैंक के बाहर कतार में खड़े थे। बैंक में उनके लगभग 70 हजार रुपये फंसे हैं। पेशे से वकील श्रुतिका ने उम्मीद जताई कि इस बैंक का हश्र पीएमसी बैंक की तरह नहीं होगा, क्योंकि वहां घोटाला किया गया था।

‘आरबीआई पर भरोसा नहीं’

सुरेश लोकारे कहते हैं कि उन्हें गवर्नर शक्तिकांत दास के आश्वासन पर भरोसा नहीं है। पेशे से अकाउंटेंट नितिन बोखडे के अनुसार उनकी नजर पहले से स्टॉक मार्केट पर थी। उन्हें आशंका थी कि ऐसा कुछ होने वाला है, हालांकि किन्हीं कारणों से वह अपने पैसे पहले ही नहीं निकाल पाए।

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बैंक के बाहर कैश के लिए लगी लाइन

चंद घंटों में एटीएम खाली

बैंकों के बाहर कतार में लगे खाताधारकों के मुताबिक, वे जिन जिन एटीएम में गए, वे सभी खाली थे। इसीलिए उन्हें बैंक में आकर कतार में घंटों बाहर खड़ा होना पड़ा। कुछ ग्राहकों ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया के जरिए भी जाहिर की। एक ग्राहक ने शेयर किया कि नेट बैंकिंग प्रॉपर काम नहीं कर रही है।

बैंक के बाहर पुलिस का पहरा

यस बैंक के सभी शाखाओं के बाहर सुबह से पुलिस का पहरा रहा। बैंक के बाहर पुलिस की तैनाती को देखते हुए खाताधारकों ने कहा कि काश इस पुलिस बल का उपयोग लोगों का पैसा बचाने के लिए किया जाता, तो आज यह नौबत नहीं आती। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों के अनुसार, बैंक में सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है।

बैंक अधिकारी की दलील

फोर्ट शाखा में कार्यरत अमृत पाठक के अनुसार पैसे निकालने में किसी खाताधारक को कोई दिक्कत नहीं हो रही है और पैसे निकालने की सारी प्रक्रिया आदेशानुसार की जा रही है। उन्हें और बाकि कर्मचारियों को भी इसकी कोई सूचना नहीं थी और सारे निर्देश गुरुवार ही जारी हुए।

यस बैंक पर सरकार ने आरबीआई से कहा, 'संकट पैदा करने वालों की पहचान करें'
यस बैंक पर सरकार ने आरबीआई से कहा, ‘संकट पैदा करने वालों की पहचान करें’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक संकट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार ने आरबीआई को निर्देश दिया है कि वह जांच करे कि गलतियां कहां हुई हैं। 2017 से ही आरबीआई यस बैंक में प्रशासनिक, नियमों का उल्लंघन, गोलत लोन देना और गलत जानकारियों को नोटिस कर रहा था। वित्तमंत्री ने कहा कि आरबीआई से कहा गया है कि वह कमियों का पता लगाए और साथ ही उन लोगों की भी पहचान करे जिनकी इस संकट में भूमिका है।

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