केरल के दो समाचार चैनलों पर लगी रोक हटी – BBC हिंदी

सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केरल के दो समाचार चैनलों के प्रसारण पर लगाई गई रोक हटा ली गई है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा कि “केरल के दो समाचार चैनलों पर 48 घंटों का प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन हमें पता चला कि असल में क्या हुआ था. इस कारण हमने तुरंत दोनों चैनलों पर लगी पाबंदी हटा ली है.”

उन्होंने कहा कि “हमारा मानना है कि गणतंत्र में मीडिया की आज़ादी होना ज़रूरी है. जब इमर्जेंसी के दौरान मीडिया पर पाबंदी लगाई गई थी तब हमने उसका विरोध किया था. प्रधानमंत्री ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है. हम मामले की तह तक पहुंचेंगे और ग़लत करने वाले के ख़िलाफ़ जो भी ज़रूरी कदम लेने हैं वो लेंगे.”

उन्होंने कहा कि सभी तो इस बात की समझ होनी चाहिए कि आज़ादी के साथ ज़िम्मेदारी भी होनी चाहिए.

इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी कर मलयालम चैनल एशियानेट न्यूज़ और मीडिया वन का प्रसारण 6 मार्च की शाम 7.30 बजे से लेकर 8 मार्च को शाम 7.30 बजे तक बंद किया गया था.

मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली हिंसा को लेकर इन दोनों चैनलों की कवरेज एकतरफा थी.

इस प्रतिबंध की कई हलकों से आलोचना की गई थी. केरल राज्य के वित्त मंत्री थॉमस आईसेक ने कहा था कि दिल्ली हिंसा की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने और इस हिंसा में हिंदुत्व की सांप्रदायिक ब्रिगेड की भूमिका उजागर करने की वजह से चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाई गई है.

यस बैंक के खाताधारकों का पैसा सुरक्षित- एसबीआई चेयरमैन

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि घाटे में चल रहे यस बैंक में खाताधारकों के पैसों को कोई ख़तरा नहीं है.

उन्होंने कहा है कि उन्होंने स्टॉक एक्सचेंज के ज़रिए जानकारी दे दी है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बोर्ड में इस बात को लेकर सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है और एसबीआई यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है.

उन्होंने कहा कि यस बैंक में निवेश की पूरी पूंजी मात्र 2,459 करोड़ होगी और खाताधारकों के लिए कोई ख़तरा नहीं है.

उन्होंने ये भी कहा कि रिज़र्व बैंक की तरफ से एक प्लान मिला है जिस पर उनकी टीम काम कर रही है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार रजनीश कुमार ने कहा है कि यस बैंक के लिए कई निवेशकों ने उनसे संपर्क भी किया है.

इससे पहले रिज़र्व बैंक ने यस बैंक के पुनर्निर्माण की योजना का मसौदा सामने पेश किया था और इस संबंध में लोगों से राय मांगी थी. मसौदे में कहा गया है कि स्टेट बैंक ने यस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है और बैंक इसके पुनर्निर्माण की योजना में शामिल होना चाहता है.

क़रीब 15 साल पहले भारतीय बैंकिंग सेक्टर में उतरा यस बैंक आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है. बैंक को अपने ग्राहकों को उनका पैसा लौटाने में दिक्क़त आ रही है.

गुरुवार की शाम रिज़र्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी कर यस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और उस पर नज़र रखने के लिए एक प्रशासक नियुक्त कर दिया.

इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगाई गई हैं. साथ ही बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह यानी कंसोर्शियम के हाथ में देने की तैयारी की गई है.

इस ख़बर के आने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि यस बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार उनका नुक़सान नहीं होने देगी.

उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में रिज़र्व बैंक और सरकार दोनों गंभीरता से देख रही है और सरकार कोई भी फ़ैसला आम लोगों के हितों को देखते हुए करेगी.

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