Nirbhaya Case: मुकेश ने पुराने वकील पर लगाया साजिश का आरोप, फांसी टालने के लिए फिर पहुंचा SC – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Publish Date:Fri, 06 Mar 2020 06:35 PM (IST)

नई दिल्ली, पीटीआइ। 2012 Delhi Nirbhaya Case : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों (पवन कुमार गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26), मुकेश (32) और अक्षय कुमार सिंह (31) में बेचैनी बढ़ गई है। इस बीच चारों में से एक दोषी मुकेश कुमार सिंह ने अपने पुराने वकील पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। मुकेश ने अपने नए वकील एमएल शर्मा के जरिये फिर से सुधारात्मक याचिका (Curative petition) दाखिल करने की इजाजत मांगी है। यह याचिका मुकेश के भाई सुरेश ने वकील एमएल शर्मा के जरिये दाखिल की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकता है। बता दें कि मुकेश की सुधारात्मक याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। 

केंद्र व दिल्ली सरकार को बनाया प्रतिवादी

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को याचिका दायर कर दोषी मुकेश कुमार सिंह के वकील एमएल शर्मा ने केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार और एमिक्स क्यूरी  को भी मामले में प्रतिवादी बनाया है। याचिका में उसने यह भी तर्क दिया है कि मुकेश को साजिश का शिकार बनाया गया है। वकील ने याचिका में कहा कि 6 दिसंबर 2019 से 3 मार्च 2020 तक के आदेश खारिज होने चाहिए।  साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में एमिकस क्यूरी ने तमाम कानूनी उपचार खत्म कर दिए, जिससे मामला फांसी की सजा के अंजाम तक पहुंच गया। 

पूर्व वकील को लेकर कहा, उसने नहीं बताई सच्चाई

मुकेश ने अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे बताया ही नहीं गया कि सुधारात्मक याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल तक का वक्त होता है। ऐसे में उसे पुनः सुधारात्मक याचिका और अन्य कानून विकल्प इस्तेमाल करने का वक्त दिया जाए।

पूरे मामले की जांच सीबीआइ करे

वकील एमएल शर्मा के जरिये दायर याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार द्वारा कथित आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) से जांच की मांग की गई है। 

राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी दायर करना चाहता है मुकेश

मुकेश सुधारात्मक याचिका के साथ राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका भी दायर करना चाहता है। मुकेश की मानें तो वृंदा ग्रोवर को निचली अदालत  द्वारा उसका वकील नियुक्त किया गया था। उसने वृंदा ग्रोवर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उससे जबरन वकालत नामा पर हस्ताक्षर कराकर सुधारात्मक याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

वकील का दावा, सुधारात्मक याचिका का अधिकार सुरक्षित

वकील एमएल शर्मा  के मुताबिक, लिमिटेशन एक्ट की धारा-137 में याचिका दायर करने की समय सीमा तय है।ऐसे में मुकेश की सुधारात्मक याचिका दायर करने के अधिकार, क्योंकि इसमें तीन साल का वक्त होता है। दरअसल, याचिका में दावा किया गया है कि मुकेश की पुनर्विचार याचिका तीन साल पहले खारिज हुई थी और तीन साल की समय सीमा के मुताबिक, वह जुलाई 2021 तक याचिका दाखिल कर सकता है।

20 मार्च को होगी फांसी, डेथ वारंट हो गया है जारी

यहां पर बता दें कि बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार  की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए फांसी की तारीख 20 मार्च तय की है। डेथ वारंट के मुताबिक, 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे तिहाड़ की जेल संख्या-3 में चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी। 

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ दरिंदगी की गई थी। बस में सवार छह दरिंदगों (राम सिंह,  एक नाबालिग, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर) ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। 

Posted By: JP Yadav

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