भोपाल. मध्य प्रदेश में 4 दिन से सियासी ड्रामा जारी है। सियासी उथल-पुथल मंगलवार से शुरू हुई, जब दिग्विजय ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए। दिग्विजय शुक्रवार को दिल्ली से लौटे और सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर पहुंचे। दोनों ने गुरुवार देर रात कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद की रणनीति पर चर्चा की। कमलनाथ ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। उन्होंनेअपने सभी विधायकों को राजधानी भोपाल बुला लिया है। कमलनाथ ने कहा, “यहांके नेता बिकाऊ नहीं हैं। ये सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की भी ऐसी पहचान बनानी है कि हमें गर्व हो। ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोक के कह सकें कि हम मध्य प्रदेश से हैं।”इस बीच, दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मध्य प्रदेश को लेकर भाजपा नेताओं की बैठक चल रही है। इसमें शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, प्रह्लाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और गोपाल भार्गव मौजूद हैं।
मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामे के 4 दिन
3 मार्च: सुबह दिग्विजय सिंह के ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया। शाम को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिल्ली पहुंचे। कांग्रेस ने देर रात दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस के 6, बसपा के 2 और एक निर्दलीय विधायक को गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल में बंधक बनाया। भोपाल से मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेजा गया।
4 मार्च: इस दिन दोपहर को सपा के राजेश शुक्ला (बब्लू), बसपा के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बसपा से निष्कासित राम बाई भोपाल पहुंचीं। कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही थी। दिग्विजय ने फिर आरोप लगाया कि भाजपा ने 4 विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।
5 मार्च: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस के एक अन्य लापता विधायक बिसाहूलाल सिंह के बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल के टीटी नगर थाने में दर्ज कराई।
6 मार्च: कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली, सभी विधायकों को भोपाल बुलाया। दिल्ली में तोमर के घर भाजपा नेताओं की बैठक जारी। भाजपा विधायक पीएल तंतुवाय के गायब होने की खबरें आईं। दोपहर में वे सामने आए और कहा- मेरा फोन बंद था, गायब नहीं हुआ।
नाराज रामबाई को मंत्री बनाया जा सकता है
डंग के इस्तीफे के बाद कमलनाथ के घर हुई कैबिनेट मीटिंग में नाराज बसपा विधायक रामबाई भी पहुंचीं। दमोह की पथरिया सीट से बसपा की विधायक रामबाई काफी समय से मंत्री पद की इच्छा सार्वजनिक मंचों से भी व्यक्त कर चुकी हैं। माना जा रहा है कि सीएम उन्हें मनाने के लिए मंत्री बना सकते हैं। कैबिनेट बैठक में ही मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफे की पेशकश की और कहा कि हम आपके साथ हैं। सीएम ने इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया और कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की।
नेताओं ने किए अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान होने के दावे
भाजपा विधायक: विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक नेशुक्रवार कोएक वीडियो जारी कर कहा, “मेरी राजनीतिक हत्या हो सकती है। मेरे बारे में भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। मैं भाजपा मेंहूं और भाजपामें ही रहूंगा। मेरे साथ जो रहा है, वो प्रदेश की जनता देख रही है।’ गुरुवार को रात उनके सीएम हाउस जाने और कमलनाथ से मिलने की अटकलें लगाई जा रही थीं। संजय पाठक पहले कांग्रेस में रहे हैं।
कांग्रेस विधायक: मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मैंने भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें समर्थन देने की बात कही नहीं थी। मीडिया ने मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया है। मेरा मुख्यमंत्री कमलनाथ से 20 साल का संबंध है।मैं हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ा हूं।
बयानबाजी भी जारी
दिग्विजय सिंह:कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार में हुए हजार करोड़ के ई-टेंडरिंग घोटाले पर ईओडब्ल्यू का शिकंजा भाजपा नेताओं पर कसता जा रहा है। उन्होंने माध्यम में भी घोटाला किया है। उस पर एक एफआईआर हो गई है। अब वह छटपटा रहे हैं इसलिए मनमाना पैसा देने का प्रलोभन विधायकों को दे रहे हैं।
नरोत्तम मिश्रा:भाजपा नेता ने दिल्ली में कहा कि मप्र में गंदगी कांग्रेस ने फैलाई है और आरोप हम पर लगा रहे हैं। ये गलत है। दो विधायकों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्होंने की, लेकिन हम तो किसी विधायक लेकर मीडिया के सामने नहीं आए हैं। हम जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं करते हैं। हमारे एक पूर्व मंत्री और विधायक को धमकाया जा रहा है।
महेंद्र सिंह सिसोदिया: एमपी के श्रम मंत्री ने कहा कमलनाथ सरकार को फिलहाल कोई संकट नहीं है। सरकार पर उस समय संकट के काले बादल छाएंगे जब हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा या अनादर किया जाएगा।
डॉ. गोविंद सिंह: मप्रसामान्य प्रशासन मंत्री ने कहा कि पहले भी भाजपा के दो विधायक संपर्क में थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी के दबाव में नहीं आते हैं। विधायकों को संतुष्ट करने के लिए कमलनाथ के मंत्रिमंडल के विस्तार की बात को गोविंद सिंह ने सिरे से खारिज किया और कहा कि यह सब बेवजह की अटकलें हैं।
अजय सिंह: पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यसभा चुनाव नजदीक हैं, इस वजह से कोई भी उठापटक हो सकती है। एक-दो दिन में क्या कुछ होता है, कौन गायब है, किसका अपहरण हुआ है, कौन किस पार्टी में स्वेच्छा से गया है, इसकी ठोस जानकारी नहीं है।
मध्यप्रदेश विधानसभा पर एक नजर
कुल सीटें: 230
मौजूदा सदस्य संख्या: 228
विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर सदन में संख्या: 227 (भाजपा और कांग्रेस विधायकों के निधन से दो सीटें खाली)
बहुमत का आंकड़ा: 114
स्पीकर को छोड़कर और डंग का इस्तीफा स्वीकार होने पर कांग्रेस सहयोगियों पर निर्भर हो जाएगी
पार्टी | सीटें |
कांग्रेस | 112 |
भाजपा | 107 |
बसपा | 02* |
सपा | 01 |
निर्दलीय | 04 |
* बसपा विधायक रामबाई पार्टी से निलंबित हैं।
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Source: DainikBhaskar.com