यस बैंक पर आरबीआई का डंडा; बोर्ड को भंग करते हुए 50,000 रुपए से ज्यादा रकम निकालने पर लगाई रोक

सांकेतिक तस्वीरPTI

सरकार ने नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही आरबीआई ने गुरुवार को बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दीं।

यस बैंक के बोर्ड पर आरबीआई का कब्जा हो गया है और केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक का कोई भी ग्राहक अपने अकाउंट से 50,000 से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकता है। सरकार ने 5 मार्च से 3 अप्रैल के बीच तक यस बैंक पर यह पाबंदी लगाई है। अगर किसी ग्राहक के पास 4 अकाउंट है तो वह सभी खातों को मिलाकर भी सिर्फ 50,000 रुपए ही निकाल सकता है।

यह आदेश 5 मार्च 2020 को शाम 6 बजे से प्रभावी हो गया है और फिलहाल के लिए 3 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेगा। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है।

रिजर्व बैंक ने सरकार से विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है। यस बैंक की वित्तीय हालत खराब है और बैक लंबे समय से फंड जुटाने की कोशिश कर रहा था। आरबीआई ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है। आरबीआई ने अगले 30 दिनों के लिए यस बैंक के बोर्ड पर कब्जा कर लिया है।

आरबीआई द्वारा गुरुवार को यस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद इसके जमाकर्ताओं को एटीएम से पैसे निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र और राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोग आधी रात को एटीएम के बाहर नजर आए। लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में कैश नहीं था। यस बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग सिस्टम के जरिये ट्रांजैक्शन करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी।

दक्षिण मुंबई के होरनिमान सर्कल में एटीएम के शटर गिरे हुए थे। वहां गार्ड ने बताया कि ड्यूटी पर आने से पहले से ही मशीन काम नहीं कर रही है और उसे 10 बजे के बाद शटर गिराने को कहा गया था। उपनगरीय चेम्बुर के रिहायशी इलाके में एक एटीएम से कैश निकल रहा था लेकिन वहां लंबी कतार लगी हुई थी। एक महिला ने बताया कि नजदीक में एक और मशीन है लेकिन आरबीआई की घोषणा के कुछ देर बाद ही उसमें कैश खत्म हो गया।

लोगों में घबराहट के साथ गुस्सा भी है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एटीएम के बाहर मौजूद लोगों ने बताया, ‘हमें इसकी जानकारी नहीं दी गई। पैसा निकालना चाहते थेलेकिन एटीएम में पैसे नहीं है। हम मुश्किल में हैं, होली आ रही है।’

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एसबीआई, यस बैंक को बेल आउट करने को तैयार है। उसके बाद आरबीआई और सरकार की तरफ से यस बैंक को लेकर यह फैसला तब आया । अब यस बैंक का नेतृत्व अगले महीने आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशांत कुमार करेंगे, जो कि एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी रहे हैं।

इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था। आपको बता दें कि यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी।

इस बीच खबर है कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को संकट से उबारेंगे। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने एसबीआई की अगुआई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है। दिनभर यस बैंक को लेकर गतिविधियां चलती रहीं।

इस दौरान एसबीआई के निदेशक मंडल की बैठक भी हुई। ऐसी भी चर्चाएं है कि एलआईसी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ मिलकर हिस्सेदारी खरीदने की योजना पर काम करने को कहा गया है। कुल मिलाकर दोनों की यस बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रह सकती है। यस बैंक में एलआईसी पहले ही आठ प्रतिशत की हिस्सेदार है।

गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले इस तरह की अटकलें थीं कि यस बैंक को सरकार उबरने में मदद करेगी। उस समय एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी कहा था कि संकट में फंसे बैंक को ‘बंद नहीं’ होने दिया जाएगा।

मुंबई मुख्यालय वाला यस बैंक अगस्त 2018 से संकट में है। उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के नेतृत्व में बैंक ने संकटग्रस्त ऋणों की सूचना प्रकाशित की। बैंक को मार्च 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ। यस बैंक ने शुरुआत में दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी। इस बारे में कई प्रस्तावों पर विचार-विमर्श हुआ था, लेकिन कोई सिरे नहीं चढ़ सका।

भारत में प्राइवेट सेक्टर के चौथे सबसे बड़े बैंक यस बैंक की देश के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदगी है। देशभर में इसकी तकरीबन 1000 शाखाएं हैं और 1800 एटीएम हैं जिसके जरिए बैंक अपने ग्राहकों को सुविधाएं मुहैया कराता है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.

Source: DainikBhaskar.com

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