2021 में चंद्रयान -3 चंद्र लैंडर के जरिये एक बार फिर चाँद पर उतरने का प्रयास करेगा भारत

भारत अगले साल चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में थोड़ी देरी का संकेत देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि इसे 2021 की पहली छमाही में छोड़ा जाएगा। बता दें कि चंद्रयान-2 की असफलता के बाद इसरो ने कहा था कि 2020 के आखिर तक चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जा सकता है। इसमें खासतौर पर डिजाइन, क्षमता उन्नयन सहित अन्य बातों का ध्यान रखा गया है।

पीएमओ में राज्य मंत्री सिंह ने अपने लिखित जवाब में बताया कि चंद्रयान-2 से मिले सबक के मद्देनजर चंद्रयान-3 में जरूरी तैयारी की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का अनुमानित शेड्यूल 2021 की पहली छमाही है। चंद्रयान-2 के दौरान मिले सबक के आधार पर चंद्रयान-3 की तैयारी की गई है।’ इसमें खासतौर पर डिजाइन, क्षमता बढ़ाने सहित अन्य बातों का ध्यान रखा गया है।’

बता दें कि हाल ही इसरो के प्रमुख के. सिवन ने बताया था कि सरकार की मंजूरी के बाद चंद्रयान-3 की परियोजना पर काम जारी है। उन्होंने यह भी बताया था कि इसे अगले साल 2021 में इसे लॉन्च किया जा सकता है। इसरो प्रमुख ने कहा था कि ‘हमने चंद्रयान-2 पर अच्छी प्रगति की है, भले ही हम सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर सके, ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, इसके अगले 7 वर्षों के लिए विज्ञान डेटा का उत्पादन करने के लिए कार्य किया जा रहा है।’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवनTwitter / @ANI

इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 के साथ चंद्रमा पर फतह हासिल करने की देश की कोशिशों की दास्तान खत्म नहीं हो गईं हैं और अंतरिक्ष एजेंसी निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगी।

बता दें कि पिछले साल इसरो ने चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था। हालांकि इस मिशन के तहत विक्रम लैंडर का चांद की सतह पर उतरने से पहले सम्पर्क टूट गया था और वह चांद की सतह से टकराकर नष्ट हो गया था। लैंडर विक्रम के भीतर ही रोवर प्रज्ञान था, जिसे चांद की सतह पर 14 दिनों तक चलना था।

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जितेंद्र सिंह ने अपने जवाब में गगनयान प्रोजेक्ट के बार में भी बताया। उन्होंन बताया कि भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान प्रोजेक्ट के लिए माइक्रोग्रेविटी से जुड़े 4 बायोलॉजिकल और 2 फीजिकल साइंस एक्सपेरिमेंट किए जा चुके हैं। सिंह ने बताया कि 4 अंतरिक्ष यात्रियों की स्पेस फ्लाइट ट्रेनिंग भी शुरू हो चुकी है।

इसरो की तरफ से चंद्रयान-3 के लिए तैयारियां की जाने की जानकारी पहले भी सामने आई थी। सूत्रों के मुताबिक, अगले चंद्रयान मिशन के लिए इसरो ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसका नेतृत्व तिरुअनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के निदेशक एस.सोमनाथ को सौंपा गया है। इसी सेंटर को इसरो के सभी लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम की जिम्मेदारी भी दी गई है। चंद्रयान-3 से संबंधित सभी रिपोर्ट यही कमेटी तैयार करेगी।

(समाचार एजेंसी पीटीआई/एएनआई के इनपुट के साथ)

Source: DainikBhaskar.com

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