नई दिल्ली, एएनआइ। संसद के गेट नंबर 8 से घुसने करने की कोशिश कर रहे एक संदिग्ध को सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा है। उसका नाम अख्तर खान है। उसको पास से 3 राउंड जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। उसने कहा कि वह प्रवेश करने से पहले बाहर निकलना भूल गया था। बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया और उससे पूछताछ हो रही है। यह जानकारी पुलिस ने दी है।
Delhi Police: One person, Akhtar Khan was entering Parliament through Gate-8 today, he had 3 live rounds in his pocket which were detected by security personnel that he said he had forgotten to take out before entering. He was later handed over to police & interrogated. pic.twitter.com/amqES7szZA
— ANI (@ANI)
March 5, 2020
सांसद की कार बैरियर से टकरार्इ, जवानों ने मोर्चा संभाला
इससे पहले संसद में बजट सत्र के दूसरे दिन तीन मार्च, 2020 को हड़कंप मच गया था। संसद परिसर में प्रवेश के दौरान कौशांबी (उत्तर प्रदेश) से सांसद और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर की गाड़ी संसद के बैरियर से टकरा गई। यह टकराव इतना तेज था कि सांसद की गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। अनहोनी की आशंका के चलते सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया था। दुर्घटना के तुरंत बाद सांसद की कार को चारों तरफ से जवानों ने घेर लिया। राइफलें भी तान दीं। सांसद का पहचान पत्र देखने के बाद हालात सामान्य हुए।
संसद पर हमले के बाद कड़ी की गई सुरक्षा
ज्ञात हो कि संसद के सुरक्षा की 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद काफी कड़ी कर दी गई है। उस दिन एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था। हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।
उस दिन संसद में विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित की जा चुकी थी। इस कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी लोकसभा से निकल कर अपने-अपने सरकारी निवास के लिए कूच कर चके थे, पर तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी अपने कई साथी मंत्रियों और लगभग 200 सांसदों के साथ अब भी लोकसभा में ही मौजूद थे।
संसद के गेट नंबर 11 से एक कार 11.28 बजकर घुसी थी। इस कारण पांच फियादीन बैठे थे, जो हथियारों से लैस थे। कुछ देर में उन्होंने गोलियां बरसाना शुरू कर दिया था।
जानें कैसी होती है संसद की सुरक्षा
संसद की सुरक्षा पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस करती है। ये सुरक्षा तीन परतों में होती है। सुरक्षा के काम में सीआरपीएफ (CRPF), दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और संसद की अपनी सुरक्षा टीम होती है। संसद की सुरक्षा का जिम्मा ज्वाइंट सेक्रेटरी (सुरक्षा) के हाथों में होती है, जो संसद परिसर की सुरक्षा को देखता है। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा के अपने डायरेक्टर सुरक्षा भी होते हैं, जो सदन में सुरक्षा के इंतजामों पर नजर रखते हैं। ये लोकसभा सचिवालय और राज्यसभा सचिवालय के जरिए संचालित होते हैं।
संसद के कुल मिलाकर 12 गेट हैं, जिसमें कुछ से आवाजाही होती है लेकिन कुछ बंद रखे जाते हैं। हालांकि सुरक्षा बंदोबस्त सभी पर होते हैं। आमतौर पर संसद परिसर में जिन गेटों से आवाजाही होती है, उसमें गेट पर सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस का मिलाजुला होता है।
Posted By: Arun Kumar Singh
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