तालिबान के हमले के बाद US ने भी की एयर स्ट्राइक, शांति वार्ता अधर में – News18 इंडिया

दो साल की बातचीत केे बाद अमेरिका और तालिबान के बीच ये समझौता हुआ था. फोटो.एपी

अमेरिकी सेना ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत में अफगान सेना पर हुए हमले के जवाब में कई जगह एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया. शांति वार्ता समझौते के उल्लंघन के बाद 11 दिन बाद अमेरिकी सेना ने इस हमले को अंजाम दिया है.

  • Share this:
काबुल. अफगान सेना पर तालिबानी लड़ाकों के हमले के बाद अमेरिका ने भी बुधवार को तालिबान (Taliban) पर हवाई हमला बोल दिया है. अमेरिकी सेना (US Army) ने दक्षिणी हेलमंद प्रांत में अफगान सेना पर हुए हमले के जवाब में कई जगह एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया. शांति वार्ता समझौते के उल्लंघन के बाद 11 दिन बाद अमेरिकी सेना ने इस हमले को अंजाम दिया है.

न्यूज़ एजेंसी AFP के मुताबिक तालिबानी आतंकियों के हमले में अफगान सेना और पुलिस के 20 लोग मारे गए. प्रोविंशियल काउंसिल के एक सदस्य सैफुल्ला अमीरी के मुताबिक तालिबानी लड़कों ने तीन सैनिक चौकियों पर एक साथ हमले को अंजाम दिया. इसके अलावा इन्होने उरुजगान की एक पुलिस पोस्ट पर भी हमला किया. 10 सैनिक, 4 पुलिसवाले और 6 सिविलियन की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं. अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के प्रवक्ता सोनी लेगेट ने कहा कि चार मार्च को हेलमंद के नहर-ए-सराज में मौजूद तालिबान लड़ाकों के खिलाफ अमेरिकी सेना ने हवाई हमले किए जो एक जांच चौकी को निशाना बना रहे थे. लेगेट ने ट्वीट किया कि तालिबान के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की गयी.

नहीं टिक सका शांति समझौता
करीब 20 साल तक जंग लड़ने के बाद अमेरिका और तालिबान शांति समझौते के लिए राजी हुए थे. हालांकि ये समझौता ज्यादा देर नहीं टिक सका और 48 घंटों में ही तालिबान ने अफगान सेना पर हमला करके किसे नकार दिया. शनिवार को ही तालिबान और अमेरिका के बीच विदेशी सेना को हटाने संबंधी ऐतिहासिक संधि हुई थी. हालांकि, दोहा में हुई संधि के बाद ही आतंकियों ने अफगानी सेना के खिलाफ हमले किए. लेगेट ने कहा, ‘ हमने तालिबान को गैर जरूरी हमले रोकने के लिए और अपना वादा निभाना के लिए कहा. जैसा हमने कहा, हम जब भी जरूरी होगा अपने साथी का बचाव करेंगे.’ उन्होंने कहा कि हेलमंद में सुरक्षा चौकियों पर अकेले मंगलवार को ही घुसपैठियों ने 43 हमले किए.इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला अब्दुल गनी से बात की थी. इससे पहले कतर में अमेरिका और तालिबान ने दुनिया के कई देशों के सामने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रंप ने इस बातचीत के बाद दावा किया था कि शांति समझौता कायम है, ट्रंप ने इस दौरान कहा था कि 29 फरवरी को जो डील साइन हुई थी, उसपर आगे बढ़ना जरूरी है. ट्रंप ने कहा था कि मैंने तालिबानी नेता से बात की और ये शानदार रही. मंगलवार रात को मध्य उरुजगान प्रांत में भी घुसपैठियों ने पुलिस पर हमला किया. गर्वनर के प्रवक्ता जरगई इबदी ने एएफपी से कहा कि छह पुलिसकर्मी मारे गए जबकि सात घायल हो गए.

क्यों पीछे हटा तालिबान?
बीते दिनों कतर में हुए समझौते के मुताबिक, अमेरिका 14 महीने में अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा था. हालांकि तालिबानी हमले के बाद इस शांति समझौते के टिके रहने की संभावना काफी कम रह गई है. इस समझौते के मुताबिक 10 मार्च से अफगानिस्तान और तालिबान में डील शुरू होनी थी जिसमें अमेरिका का भी अहम किरदार था. हालांकि सिर्फ जेल में बंद लड़ाकों की वजह से ये मसला टल गया और तालिबान पीछे हट गया. तालिबान की मांग है कि अफगानिस्तान की सरकार उनके करीब 5000 लड़ाकों को जेल से छोड़े, लेकिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किसी बातचीत से पहले ऐसा करने से इनकार कर दिया है.ये भी पढ़ें:

कोराना वायरस: चीन के बाद ईरान का सबसे बुरा हाल, मेडिकल चीफ और सांसद तक हुए संक्रमित
ट्रंप के कैसे-कैसे भक्त… कोरोना वायरस को बता रहे डेमोक्रेट्स की फैलाई अफवाह

क्या विटामिन C कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है, चीन में चल रहा प्रयोग
घोटाले और फर्जीवाड़े के आरोपों के बाद भी कैसे जीत रहे हैं बेंजामिन नेतन्याहू

 

[embedded content]

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए दुनिया से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.

First published: March 4, 2020, 7:00 PM IST

Related posts