सीतापुर जेल में आजम खां से मिले अहमद हसन व माता प्रसाद पाण्डेय, कहा- जेल में जंगलराज UP News – दैनिक जागरण

Publish Date:Sun, 01 Mar 2020 02:54 PM (IST)

सीतापुर, जेएनएन। धोखाधड़ी सहित अन्य सात दर्जन से अधिक मामलों में नामजद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां का विधायक पत्नी डॉ. तजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां का 20 मार्च तक ठिकाना बदल गया है। अब यह लोग 20 मार्च तक जिला कारागार, सीतापुर में रहेंगे। इस बीच इनसे मिलने वालों का तांता लग गया है।

मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव में कैबिनेट मंत्री रहे अहमद हसन तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने रविवार को जिला कारागार में आजम खां से भेंट की। पूर्व मंत्री अहमद हसन ने भेंट के बाद कहा कि जेल में जंगलराज कायम है। उन्होंने जेल में आजम खां, उनकी विधायक पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के साथ सही व्यवहार न होने की की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद होने के बावजूद जेल में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा। प्रदेश सरकार ने काम तो कोई किया नही, बस विरोधियो को फंसाने का काम कर रही है। आजम खां को खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि रामपुर की जनता उन्हें चाहती ना होती तो जिताती ही नहीं। पूर्व धर्मेंद्र यादव ने भी आजम खां से मुलाकात की। उनका कहना था कि, अगर आप (मीडिया) को इजाजत हो तो जाकर देख आए कि उनके साथ कैसा व्यवहार हो रहा है। आजम खां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय  ने भी मुलाकात की। मुलाकात के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को इंतजार भी करना पड़ा। 

अब 20 तक जेल में रहेंगे आजम खां

पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और पुत्र अब्दुल्ला आजम खां 20 मार्च तक जेल में रहेंगे। सपा सांसद आजम खां शनिवार को अपनी पत्नी तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के साथ पेशी के लिए दोपहर में रामपुर पहुंचे थे। उन्होंने बकरी और भैंस चोरी समेत 47 मामलों में सरेंडर का एप्लीकेशन दायर किया था, जिन पर एडीजे-6 की कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट होने के आरोप में दर्ज मुकदमों की भी सुनवाई हुई। इसके बाद आजम खां ने अदालत में जमानत याचिका दायर की। इन सभी अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत ने 16 व 17 मार्च की तारीख तय की है। अब 17 मार्च तक आजम खां, पत्नी तंजीन फातमा और बेटे के साथ सीतापुर जेल में ही रहेंगे। रामपुर में एडीजे-6 की कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खां की बहू ने सीतापुर जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने सांसद को उनके पोते से भी मिलने नहीं दिया। बुधवार को जेल भेजे जाने के बाद गुरुवार तड़के आजम खां को बेटे और पत्नी के साथ सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

जमीन कब्जाने के मामलों में भी आत्मसमर्पण का प्रार्थनापत्र

आलियागंज के किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 26 मुकदमों में भी सांसद आजम खां की ओर से कोर्ट में आत्मसमर्पण का प्रार्थना पत्र दिया गया था। शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि सांसद आजम खां ने बुधवार को 17 मामलों में सरेंडर किया था। उनके खिलाफ जितने भी मामले में दर्ज है उसमें सरेंडर का आवेदन देना होगा। तिवारी ने बताया कि किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज मुकदमों में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के आदेश थे। सांसद ने दूसरे मामलों में कोर्ट में सरेंडर कर दिया है और वह न्यायिक अभिरक्षा में हैं। सांसद आजम खां शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुए। उनके साथ पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटा अब्दुल्ला भी थे। सांसद की पत्नी की खराब सेहत के चलते व्हीलचेयर पर बैठाकर कोर्ट के अंदर लाया गया। तीनों करीब पौने पांच घंटे कोर्ट में रहे। इस दौरान 59 मामलों में आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र लगाए, जबकि 18 मामलों में जमानत प्रार्थना पत्र लगाए गए। तीन मामलों में अदालत ने जमानत मंजूर भी कर ली। यह तीनों मामले आजम खां के खिलाफ आचार संहिता के हैं। अन्य प्रार्थना पत्रों पर अदालत ने अलग सुनवाई की तारीखें दी हैं। इनमें दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भी शामिल है, जिस पर तीनों की जमानत अर्जी पर अब तीन मार्च को सुनवाई होगी। तीनों फिर से तीन मार्च को कोर्ट को पेश होंगे। इसके अलावा दो जमानत प्रार्थना पत्रों पर 20 मार्च को सुनवाई होगी।

सांसद आजम खां और उनके परिवार के खिलाफ पिछले साल बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भी शामिल है, जिसमें आरोप है कि सांसद और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे। एक प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना था, जबकि दूसरा लखनऊ के किसी अस्पताल का है। इसी मामले में तीनों के कोर्ट ने कुर्की वारंट जारी किए थे। 26 फरवरी को तीनों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और जमानत प्रार्थना पत्र लगाए थे। अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया था। तीनों को पहले रामपुर जेल में दाखिल किया था, जहां से बाद में सीतापुर जेल भेज दिया। 

Posted By: Dharmendra Pandey

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