नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दक्षिणपूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) इलाके में रविवार को एहतियाती कदम के तौर पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की, जहां कई महिलाएं संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं. पुलिस ने यहां धारा 144 लगा दी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना (Hindu Sena) ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया, हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में CAA विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया.पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘समय से किए हस्तक्षेप के कारण प्रस्तावित प्रदर्शन रद्द कर दिया गया, लेकिन हमने यहां एहतियातन भारी पुलिस बल तैनात किया है.’ अधिकारी ने बताया कि दो महिलाकर्मियों की टुकड़ियों समेत 12 टुकड़ियों को शाहीन बाग में तैनात किया गया है. स्थानीय पुलिस के साथ चार पुलिस जिलों के 100 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को हटाने पर सुनवाई मार्च तक टली, SC ने कहा- सभी पार्टियां अपना-अपना पारा नीचे कर लेंहिंदू सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग आंदोलन के खिलाफ रविवार के उनके प्रदर्शन को वापस लेने का उनपर दबाव बनाया था. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप शाहीन बाग संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ लोगों के एक वर्ग का 15 दिसंबर से प्रदर्शन स्थल बना हुआ है. केंद्र सरकार साफ कह चुकी है कि वह किसी भी कीमत पर CAA वापस नहीं लेगी.शाहीन बाग मामले में वजाहत हबीबुल्लाह का SC में हलफनामा, कहा- विरोध शांतिपूर्ण, पुलिस ने बंद की हैं सड़केंपीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अपनी-अपनी जनसभाओं में CAA वापस नहीं लिए जाने की बात कह चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने CAA को लेकर कहा था कि इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया क्योंकि ये तीनों देश (अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) ‘धर्म आधारित’ तथा ‘इस्लामिक’ देश हैं और किसी इस्लामिक देश में कम से कम इस्लाम धर्म का पालन करने वालों को धार्मिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता.शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने 9 नंबर की सड़क खोली, जामिया से कालिंदी कुंज होते हुए नोएडा जाती है सड़कउन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि उन्हें कुछ अन्य प्रताड़नाएं सहनी पड़ती हों लेकिन धार्मिक यातना नहीं क्योंकि देश का धर्म इस्लाम है. सिंह ने कहा, ‘इसलिए हमने इसमें मुस्लिमों को नहीं लिया, अन्यथा हम जाति, वर्ग या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते. हमारी संस्कृति हमें नफरत नहीं सिखाती. मेरा मानना है कि भारत में रहने वाला हर मुस्लिम मेरा भाई, मेरे परिवार का सदस्य है.’ (इनपुट भाषा से भी)टिप्पणियांVIDEO: सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले की सुनवाई टाली
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