पश्चिम बंगाल में बोले अमित शाह- हम पर हुआ हमला तो घर में घुसकर मारेंगे, ‘डरकर रहें देश बांटने वाले’ – Jansatta

गृह मंत्री ने विश्वास भी जताया कि केंद्र अपने सुरक्षा संगठनों की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि “युद्ध बहादुरी से जीते जाते हैं, उपकरण से नहीं।”





अमित शाह ने कोलकाता में एनएसजी कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। (Photo: ANI)

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के नए दफ्तर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम दुनिया में शांति चाहते हैं और यदि हम पर (भारत) हमला हुआ तो घर में घुसकर मारेंगे। किसी का नाम लिए बगैर केंद्रीय गृह ने कहा कि जो लोग देश में “विभाजन” करना चाहते हैं और “शांति को बाधित करते हैं”, उन्हें एनएसजी से डरना चाहिए। देश बांटने वाले डरकर रहें।

एएनआई के अनुसार, कोलकाता के राजारहाट में एनएसजी के 29 स्पेशल कंपोजिट ग्रुप कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन समारोह में शाह ने कहा, “हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं। हमारे 10,000 वर्षों के इतिहास में भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। हम किसी को भी अपने देश की शांत प्रभावित नहीं करने देंगे। और जो भी हमारे सैनिकों की जान लेगा, उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। जो लोग देश को बांटना चाहते हैं और शांति को बाधित करते हैं, उन्हें एनएसजी से डरना चाहिए। अगर वे अभी भी आते हैं, तो उनसे लड़ना और हराना एनएसजी की जिम्मेदारी है।”

शाह ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति का पालन कर रहे हैं और एनएसजी उसे सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रही है। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत की विदेश नीति और रक्षा नीति में बड़ा बदलाव आया है, जो पहले कभी नहीं हुआ।” गृह मंत्री ने यह विश्वास भी जताया कि केंद्र अपने सुरक्षा संगठनों की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि “युद्ध बहादुरी से जीते हैं, उपकरण नहीं।”
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अमित शाह ने आगे कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार निश्चित रूप से एनएसजी की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगी। हम इसे पांच साल की अवधि में पूरा करने की कोशिश करेंगे। हम आपको अच्छा आवास प्रदान कर सकते हैं, सरकार आपके परिवारों की जरूरतों का ध्यान रख सकती है, हम आपको आधुनिक उपकरण और तकनीक प्रदान कर सकते हैं, लेकिन युद्ध बहादुरी से जीते जाते हैं, उपकरण से नहीं। बहादुरी युद्ध जीतता है, उपकरणों के टुकड़े सिर्फ एक भूमिका निभाते हैं। उपकरण और तकनीक इस बहादुरी की जगह कभी नहीं ले सकते।”

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