करण नाथ ने कहा, ‘सेट पर शॉट के बाद विनोद खन्ना जी का गले लगा लेना हमेशा याद रहेगा’

बॉलीवुड डेस्क. 2001 में फिल्म ‘मेडनेस’ से डेब्यू लेकिन ‘ये दिल आशिकाना’ से लोकप्रियता हासिल करने वाले करण नाथ लगभग 10 साल बाद फिल्मों में वापसी कर रहे हैं। उनकी पिछली फिल्म ‘तेरा क्या होगा जॉनी’ 2010 में रिलीज हुई थी और अब करण ‘गन्स ऑफ बनारस’ में नजर आएंगे जो कि 28 फरवरी को रिलीज होने जा रही है। फिल्म में अपने किरदार, लंबे समय बाद फिल्मों में वापसी और कई सारी बातें करण ने दैनिक भास्कर से साझा कीं।‘गन्स ऑफ बनारस’ 2017 में दुनिया को अलविदा कह गए विनोद खन्ना के कॅरिअर की आखिरी फिल्म है। वह फिल्म में करण के पिता के किरदार में नजर आएंगे। विनोद जी के साथ शूटिंग के अनुभव को साझा करते हुए करण बोले, ‘मैं सेट पर उनके साथ बिताए वक्त को भूल नहीं सकता। वह फिल्म में मेरे पिता बने हैं लेकिन असल में भी वह मुझे अपने बेटों अक्षय और राहुल की तरह ही मानते थे और कहते थे तू भी मेरा बेटा है। एक बार हमने रात 3 या 4 बजे के आसपास शूटिंग की और तब विनोद जी मेरे काम से इतने खुश हुए कि उन्होंने मुझे गले लगा लिया था। उनकी यह बात मुझे ताउम्र याद रहेगी।’फिल्म के किरदार पर करण ने कहा, “मैं लंबे समय तक फिल्मों से दूर रहा। इस दौरान हर पल बड़े परदे पर वापसी की चाह भी रही। कई जगह ऑडिशन दिए लेकिन बात नहीं बनी। निराशा तो हुई लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। ऐसे में जब गन्स ऑफ बनारस में गुड्डू शुक्ला का रोल ऑफर हुआ तो मैं इसे निभाने से इनकार नहीं कर सका। गुड्डू का किरदार बनारस से जुड़ा है।गुड्डू तेज तर्राट लड़का है, गुस्से में रहता है और किसी के आगे झुकता नहीं। ऐसे में मैंने गुड्डू के रोल के लिए काफी तैयारी की क्योंकि रियल लाइफ में मैं ऐसा नहीं हूं। मैं शूटिंग शुरू होने से चार महीने पहले ही बनारस चला गया था। वहां के लड़कों का रहन-सहन, चाल-चलन को गौर से देखा और किरदार में देसीपन लाने के लिए काफी वक्त वहां के लोगों के साथ ही गुजारा। मैंने पांच सितारा होटल के बजाए बनारस की गलियों में अपना समय गुजारा और किरदार में ढलने के लिए काफी मेहनत की। फिल्म में कई सारे एक्शन सीन्स फिल्माए गए हैं जिनके लिए काफी तैयारी की है। एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल ने सभी स्टंट्स बेहतरीन तरीके से करवाए हैं। ‘फिल्म 2007 में आई धनुष स्टारर तमिल हिट फिल्म ‘पोल्लाधवन’ की हिंदी रीमेक है जिसको लेकर करण ने कहा, ‘मैंने जब फिल्म शुरू करने से पहले पोल्लाधवन देखी तो इसकी स्टोरीलाइन देखकर दंग रह गया था। हिंदी में शूट करने से पहले हमने कहानी में थोड़े से बदलाव किए क्योंकि पोल्लाधवन काफी डार्क मूवी थी।’करण 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में चाइल्ड आर्टिस्ट की भूमिका निभा चुके हैं। इस फिल्म के रीमेक बनने की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती। अगर रीमेक बनाया जा रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं। कई ऐसी कहानियां हैं जो कि दर्शकों के सामने बारबार अलग तरीके से कही जा सकती हैं ताकि इसकी लोकप्रियता और बढ़ सके।’

guns of banaras actor karan nath latest interview with dainikbhaskar

Source: DainikBhaskar.com

Related posts