पुलिस ने कहा- दिल्ली के मौजूदा हालात के मद्देनजर फिलहाल भड़काऊ भाषणों को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे

नई दिल्ली.नागरिकता कानून के मुद्दे परदिल्ली में हिंसा और भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में गुरुवार कोदूसरे दिन भी सुनवाई हुई। इससे पहले हाईकोर्ट ने बुधवार को कपिल मिश्रा समेत 3 भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों पर एफआईआर में देरी परदिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। आज पुलिस की ओर से सॉलिसfटर जनरल तुषार मेहता चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच के सामने पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस ने फिलहाल किसी भड़काऊ भाषण पर एफआईआर दर्ज न करने का फैसला किया है।

इसके लिए पुलिस ने दलील दी किएफआईआर करने से दिल्ली में शांति और हालात सामान्य करने में मदद नहीं मिलेगी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में अब तक 48 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। मेहता ने सामान्य होने तक कोर्ट की तरफ से जल्दबाजी में हस्तक्षेप न करने और केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाने की गुजारिश की। जिस परकोर्ट ने समहत हो गया। मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सिर्फ 3 भड़काऊ भाषणों का जिक्र किया है। ऐसे कई भाषण मौजूद हो सकते हैं।

दिल्ली में एक और 1984 नहीं होना चाहिए:जस्टिस मुरलीधर

देश की राजधानी में हिंसा और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई के लिए दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार कोपुलिस और नेताओं पर सख्त टिप्पणी की थी। दो जजों की बेंच में शामिल जस्टिस एस मुरलीधर ने पुलिस से पूछा था- क्या हिंसा भड़काने वालों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करना जरूरी नहीं है?हिंसा रोकने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाने की जरूरत है। दिल्ली में एक और 1984 नहीं होना चाहिए। जिन्हें Z सिक्युरिटी मिली है, वे भरोसा जगाने के लिए लोगों तक पहुंचें। इसके बाद आधी रात को केंद्र सरकार ने जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में करने का नोटिफिकेशन जारी किया था।

हिंसा में मारे गए लोगों के शव सौंपे जाने पर कल सुनवाई

हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के शव लेने के लिए परिजनों को इंतजार करना पड़ रहा है। पुलिस-प्रशासन का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही बॉडी दी जाएगी। बोर्ड गठित नहीं होने से पोस्टमॉर्टम में देरी हो रही है।इस मामले में वकील महमूद पारचा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर चीफ जस्टिस पटेल शुक्रवार कोसुनवाई करने के लिए तैयार हुए।

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High court to hear on Friday the collection of dead bodies of youths killed in violence

Source: DainikBhaskar.com

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