मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए ट्रम्प हैदराबाद हाउस पहुंचे, 21 हजार करोड़ रु. के करार संभव

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्विपक्षीय मुलाकात के लिएहैदराबाद हाउस में हैं। इस दौरान भारत-अमेरिका के बीच 6 करार हो सकते हैं। इसमें 21 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे सबसे अहम हैं। अहमदाबाद के ‘नमस्ते ट्रम्प’कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद इसका ऐलान भी किया है। इसके अलावा भारत-अमेरिका के बीच परमाणु रिएक्टर से जुड़ा करार भीतय माना जा रहा है। इसके तहत अमेरिका भारत को 6 रिएक्टर सप्लाई करेगा। फिलहाल, इस बैठक में किसी तरह का व्यापार समझौता होने की संभावना न के बराबर है, लेकिन जानकार यह मान रहे हैं कि इस पर चर्चा जरूर होगी।

एमएच-60 रोमियो मल्टीरोल हेलिकॉप्टर्स (सी-हॉक) खरीदने का करार सबसे खास
अमेरिका से सी-हॉक हेलिकॉप्टटर्स खरीदने की चर्चालंबे समय से चल रही है। यह डील तय मानी जा रही है। 21 हजार करोड़ के रक्षा सौदों में से सिर्फ इस डील पर करीब 18,626 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। नौसेना को 24 सी-हॉक हेलिकाप्टरों की जरूरत है। ये हेलिकॉप्टर्स हर मौसम में और दिन के किसी भी वक्त हमला करने में सक्षम हैं। छिपी हुई पनडुब्बियों को निशाना बनाने में इस हेलिकाप्टर का कोई मुकाबला नहीं है। चौथी जेनरेशन का यह हेलिकॉप्टर पूरी दुनिया में नौसेना के लिए सबसे एडवांस है। इस सौदे के अलावा भारत अमेरिका से 800 मिलियन डॉलर के 6 एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर्स भी खरीद सकता है। इसके साथ ही भारत को अमेरिका मिसाइल डिफेंस शील्ड भी बेचने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह रूस की एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भारत में आने से रोक सके। हालांकि रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस पर कोई समझौता नहीं होगा। रूसी समझौते पर भारत कायम रहेगा।

परमाणु रिएक्टर के लिए हो सकता है नया समझौता
अमेरिका के वेस्टिंगहाउस और भारत के एनपीसीआईएल के बीच होने वाला यह समझौता भी लगभग तय है। ट्रम्प के भारत आने से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी कहा था कि न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए वेस्टिंगहाउस और एनपीसीआईएल के बीच बातचीत हुई है। हालांकि दोनों देशों में लायबिलिटी पॉलिसी को लेकर अब तक इस पर बात नहीं बन पाई। यानी किसी एटमी हादसे के वक्त जिम्मेदारी सप्लायर कंपनी की होगी या प्लांट के ऑपरेटर की, इस पर बातचीत फंसी हुई है।

व्यापार समझौता दूर, पर भारत को उम्मीद
दोनों देशों में व्यापार समझौते के आसार कम है। अमेरिका ने भारत को जीएसपी की सूची से हटा दिया था। जीएसपी के तहत अमेरिका को भारत 3,000 उत्पाद ड्यूटी फ्री निर्यात कर रहा था। इसमें आभूषण, चावल प्रमुख हैं। भारत चाहता है कि अमेरिका फिर से उसे जीएसपी सूची में रखे। इसके साथ ही भारत स्टील पर भी 25% शुल्क वृद्धि वापस लेने की बात रखेगा। भारत अमेरिका को 5,391 करोड़ रुपए का स्टील निर्यात करता था। शुल्क बढ़ने से यह आधा हो गया है। अमेरिका डेयरी उत्पाद भी भारत में बेचना चाहता है, लेकिन अमेरिका में गायों को मांसाहारी चारा खिलाया जाता है, इसलिए भारत को इस पर आपत्ति है। इसके अलावा अमेरिकी उत्पादों पर भारत में लगने वाला आयात शुल्क भी एक बड़ा मुद्दा हैं। इन तमाम मुद्दों पर बातचीत अभी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। हालांकि ट्रम्प के इस दौरे पर छोटे-मोटे व्यापार समझौते होने की उम्मीद की जा सकती है।

किनमुद्दों पर हो सकती है बातचीत
इसमें आतंकवाद, धार्मिक सुरक्षा, कश्मीर मुद्दा, भारत-पाक के बीच तनाव और अफगानिस्तान जैसे मामले शामिल होंगे। भारतीय संविधान से धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं। ट्रम्प के दौरे से पहले ही व्हाइट हाउस के आधिकारिक सूत्रों से इस मसले पर अहम बातचीत की ओरइशारा कर दिया गया था। नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश में मुस्लिमों में धार्मिक असुरक्षा की भावना का मुद्दा भी ट्रम्प उठा सकते हैं।

यूएस एंबेसी में उद्योगपतियों से मिलेंगे ट्रम्प
प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को लंच देंगे। इसके ठीक बाद ट्रम्प यूएस एंबेसी में एक प्राइवेट समारोह का हिस्सा बनेंगे। इसमें वह उद्योगपतियों के साथ राउंडटेबल मीटिंग कर सकते हैं। ट्रम्प शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलेंगे।

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हैदराबाद हाउस में मोदी और ट्रम्प।

Source: DainikBhaskar.com

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