सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे, सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया

नई दिल्ली.शाहीन बाग में नागरिकता कानून (सीएए) और नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ धरने पर बैठे लोगों से बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थ पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को धरना दे रहे लोगों से बात करने को कहा था। शाहीन बाग मेंसंजय हेगड़े ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां पहुंचे हैं। हम सभी लोगों से बात करेंगे और उम्मीद है कि इससे विवाद सुलझ जाएगा।

साधना रामचंद्रन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपको आंदोलन करने का हक है। हम सब की तरह और भी नागरिक हैं, जिनके अधिकार हैं। जो इस रास्ते से आते-जाते हैं। बच्चे स्कूल जाते हैं, लोग ऑफिस आते-जाते हैं। हक वहीं तक होना चाहिए, जहां तक दूसरे का हक प्रभावित न हो। रोड, पार्क, ब्रिज सार्वजनिक सुविधा है। हम आपकी सारी बातें सुनेंगे।मुझे विश्वास है कि हम ऐसा हल निकालेंगे जो न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के लिए मिसाल बन जाएगा। उन्होंने कहा कि हम बिना मीडिया के प्रदर्शनकारियों से बात करेंगे। इस बातचीत की जानकारी बाद में दी जाएगी।

हेगड़े ने ट्विटर पर लोगों से सुझाव मांगे

संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंनेकहा कि हमें यहां (शाहीन बाग) आने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। उम्मीद है कि हमारी सबसे बात होगी और सभी के सहयोग से हम मुद्दे को हल कर लेंगे। हम दोनों सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, हम सबको सुनने आए हैं।शाहीन बागजाने से हेगड़े ने पहले ट्विटर पर भी गतिरोध खत्म करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे।

अपडेट्स:

  • सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थ एडवोकेट संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रनमंच पर पहुंचे।
  • दोनों वार्ताकारों ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया।
  • एडवोकेट साधना रामचंद्रन ने लोगों को संबोधित किया।
  • प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए मीडिया से बाहर जाने को कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट नेशाहीन बाग में रास्ता खोलने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान धरना देने को लोगों का अधिकार करार दिया था। अदालत ने किसी ऐसी जगह प्रदर्शन जारी रखने की सलाह दी थी, जहां यातायात बाधित न हो। कोर्ट ने मध्यस्थों को प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रास्ता निकालने को कहा था।

सड़क के एक तरफ का रास्ता खोलने पर बन सकती है दोनों पक्षों के बीच सहमति

प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करते हुए भी नहीं दिखना चाहते हैं। यही कारण है कि वे बीच का एक ऐसा रास्ता निकालने की कोशिश कर सकते हैं, जिसमें लोगों को आवागमन के लिए रास्ता भी मिल जाए और उनका दो महीने से ज्यादा समय से जारी विरोध प्रदर्शन भी जारी रहे। इसके लिए सड़क के एक तरफ का रास्ता खोला जा सकता है।प्रदर्शन शुरू हुए दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। कालिंदी कुंज सड़क दोनों ओर से बंद है जिसके चलते नोएडा से सरिता विहार आने जाने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार हेगड़े और रामचंद्रन।


सीएए और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाएं।

Source: DainikBhaskar.com

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