राजधानी में दो फरवरी तक सामने आए स्वाइन फ्लू के 43 मामले

Publish Date:Mon, 17 Feb 2020 10:41 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका के बीच राजधानी में जनवरी से लेकर दो फरवरी के बीच स्वाइन फ्लू के 43 मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। लोग साफ सफाई का ख्याल रखें और बेवजह भीड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें।

पिछले कुछ सालों से सर्दी के मौसम में हर साल स्वाइन फ्लू के मामले सामने आते हैं। इस वजह से नवंबर से फरवरी के बीच इसके मामले अधिक देखे जाते हैं और मार्च के बाद मामले कम हो जाते हैं। पिछले साल दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 3627 मामले सामने आए थे व 31 लोगों की मौत हुई थी। इसमें से ज्यादातर मामले पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच ही सामने आए थे। गर्मी में स्वाइन फ्लू का संक्रमण खत्म हो जाता है।
इसके बाद पिछले साल अक्टूबर नवंबर में करीब 47 मामले सामने आए थे लेकिन दिसंबर में खास नए मामले सामने नहीं आए। लेकिन इस साल अब तक 43 मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए डॉक्टर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। स्वाइन फ्लू में भी बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश व सांस लेने में परेशानी होती है। इसके इलाज के लिए कारगर दवाएं उपलब्ध हैं। साथ ही मौसम का तापमान बढ़ने के साथ इसका संक्रमण खत्म हो जाएगा।

आइसोलेशन सेंटर के 406 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव
छावला स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) परिसर में बने आइसोलेशन सेंटर में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर चीन के वुहान शहर से लाए गए सभी 406 लोगों से लिए गए अंतिम नमूने की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके बाद अब सोमवार से यहां रखे गए लोगों को छोड़ने का कार्य शुरू हो जाएगा। इन सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जरूरी सलाह जारी की गई है, जिनका सभी को पालन करना होगा।

गौरतलब है कि आइटीबीपी के आइसोलेशन सेंटर में मालदीव के सात लोग भी हैं। इन्हें इसी महीने की एक व दो तारीख को लाया गया था। इनके साथ सात बच्चे भी यहां लाए गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सेंटर से छुट्टी मिलने के बाद भी संबंधित व्यक्ति को त्रिस्तरीय सुरक्षा मास्क अपने मुंह पर लगाना होगा। साबुन से हाथ धोएं। दिन में दो बार अपने शरीर के तापमान की जांच करवानी होगी। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। सेंटर से छुट्टी मिलने के 14 दिन बाद फिर से जांच कराएं। इस बीच यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो फौरन नजदीकी अस्पताल, जिला व राज्यस्तरीय अधिकारी को इसकी जानकारी दें। इस दौरान यदि कहीं कोई यात्रा करें तो उसका ब्योरा रखें।
Posted By: Sanjay Pokhriyal

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Source: Jagran.com

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