मोंटेक सिंह अहलूवालिया का दावा-राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने पर इस्तीफा देना चाहते थे आहत मनमोहन सिंह

‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइन्ड इंडिया हाई ग्रोथ इयर्स’ अपनी नई किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइन्ड इंडिया हाई ग्रोथ इयर्स’ को लेकर जबरदस्त चर्चा में आए अहलूवालिया ने अपनी किताब में जिक्र किया है कि जब राहुल गांधी ने जनप्रतिनिधियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा लाए गए विवादास्पद अध्यादेश की आलोचना करते हुए अध्यादेश को फाड़कर फेंकने की बात कही थी, तब तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि क्या उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। यह पढ़ें: तस्लीमा नसरीन की ‘घुटन’ भरी टिप्पणी पर रहमान की बेटी का मुंहतोड़ जवाब, कहा-महिलाओं को नीचा दिखाना फेमिनिज्म नहीं होता ‘अहलूवालिया ने मनमोहन सिंह को इस्तीफा देने से किया था मना’ जिस पर अहलूवालिया ने मनमोहन सिंह से कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि इस मुद्दे पर इस्तीफा देना उचित होगा, मनमोहन सिंह उस समय अमेरिका की यात्रा पर थे, अमेरिका से स्वदेश लौटने के बाद मनमोहन सिंह ने अपने इस्तीफे की बात से इनकार किया था। ‘मेरे भाई संजीव अहलूवालिया ने की थी आलोचना’ हालांकि वह इस पूरे प्रकरण पर मनमोहन सिंह काफी नाराज और आहत थे, ऐसी खबरें सुर्खियां भी बनी थी, अहलूवालिया ने ये भी लिखा है कि उस वक्त मैं न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था और मेरे भाई संजीव (जो आईएएस से रिटायर हुए थे) ने यह कहने के लिए फोन किया था कि उन्होंने एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें प्रधानमंत्री की कटु आलोचना की गई थी। मोंटेक सिंह अहलूवालिया का बड़ा दावा मोंटेक सिंह अहलूवालिया आगे लिखते हैं कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को स्वाभाविक नेता के रूप में देख रही थी, इसलिए जैसे ही राहुल ने अपना विरोध व्यक्त किया, कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं ने तुरंत अपनी स्थिति बदल ली, जिन्होंने पहले मंत्रिमंडल में और सार्वजनिक रूप से इस प्रस्तावित अध्यादेश का समर्थन किया था।
Source: OneIndia Hindi

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