RSS चीफ मोहन भागवत बोले-शिक्षित-संपन्न परिवारों में अंहकार के चलते होते हैं अधिक ‘तलाक’

India oi-Rahul Kumar |

Published: Sunday, February 16, 2020, 20:16 [IST]
नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि आजकल “शिक्षित और संपन्न” परिवारों में तलाक के मामले अधिक पाए जाते हैं, क्योंकि शिक्षा और संपन्नता अपने साथ अहंकार लाती है। जिसके परिणामस्वरूप परिवार अलग हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है। मोहन भागवत रविवार को आरएसएस कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधिक कर रहे थे। अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि, आजकल तलाक के मामलों की संख्या बहुत बढ़ गई है। लोग छोटे-छोटे मुद्दों पर लड़ते हैं। तलाक के मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में अधिक हैं, क्योंकि शिक्षा और संपन्नता के साथ घमंड आता है, जिसके परिणामस्वरूप परिवार अलग हो जाते हैं। समाज भी अलग हो जाता है क्योंकि समाज भी एक परिवार है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि स्वयंसेवक अपने परिवार के सदस्यों को संघ में उनकी गतिविधियों के बारे में बताएंगे। क्योंकि कई बार परिवार की महिला सदस्य हम से अधिक दर्ददायक काम करती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें क्या करना चाहिए, या हम क्या कर सकते हैं। आज जो हम स्थिति देख रहे हैं उसका कारण महिलाओं को घरों में कैद करना है। जिसके चलते समाज में ऐसे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। भागवत ने कहा कि, समाज की स्थिति उन रीति-रिवाजों के कारण है जो पिछले 2,000 वर्षों से यहाँ प्रचलन में हैं। हमारे यहां महिलाएं घरों तक ही सीमित थीं। 2,000 साल पहले ऐसा नहीं था। यह हमारे समाज का स्वर्णिम युग था। हिंदू समाज को सदाचारी और संगठित होना चाहिए, और जब हम समाज कहते हैं, तो यह केवल पुरुष नहीं है। एक समाज वह है जो अपनी पहचान की वजह से अपनी पहचान प्राप्त करता है। मैं एक हिंदू हूं, मैं सभी धर्मों से जुड़ी श्रद्धा के स्थानों का सम्मान करता हूं। लेकिन मैं अपने श्रद्धा के स्थान के बारे में दृढ़ हूं। मुझे मेरे परिवार से मेरा संस्कार में मिला है। VIDEO: पुलिस लाठीचार्ज के बाद अब पत्थरबाजों का वीडियो आया सामने
Source: OneIndia Hindi

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