BJP आलाकमान की पार्टी नेताओं को हिदायत- विवादित बयान देने से बचें

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि अब पार्टी की नज़रें बिहार विधानसभा चुनाव पर हैं, जहां उसका जद (यू) के साथ गठबंधन है और पार्टी राज्य में जीत सुनिश्चित करना चाहती है

केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) में भाजपा (BJP) के प्रचार का चेहरा रहे अमित शाह ने कुछ नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयानों को पार्टी की हार का एक कारण बताया था.

News18Hindi
Last Updated:
February 16, 2020, 8:22 PM IST

Share this:

नई दिल्ली. दिल्ली चुनाव (Delhi Elections) में हार का सामना करने के बाद बिहार चुनाव (Bihar Elections) की तैयारियों में जुटी भाजपा (BJP) के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि पार्टी नेताओं को विवादित बयान देने से बचना चाहिए. पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) को इस तरह के बयान देने के प्रति आगाह किया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.नड्डा ने बिहार से सांसद सिंह को शनिवार को तलब किया था और उन्हें ऐसे बयान देने के प्रति चेतावनी दी थी. ‍इससे पहले सिंह देवबंद (मदरसे) को “आतंकवाद की गंगोत्री” बताकर विवादों में आए थे.अमित शाह ने भी विवादित बयानों को बताया था हार का कारणकेंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार का चेहरा रहे अमित शाह ने कुछ नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयानों को पार्टी की हार का एक कारण बताया था.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि हाल में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाकिस्तान मैच’ जैसे घृणा भरे भाषण नहीं देने चाहिए थे और संभव है कि इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी की हार हुई.उन्होंने ‘टाइम्स नाउ’ के एक कार्यक्रम में कहा,”‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाक मैच’ जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे. हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है.”एक सवाल के जवाब में शाह ने स्वीकार किया कि दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को नुकसान हुआ होगा. उन्होंने कहा, “यह संभव है कि इस कारण हमारा प्रदर्शन प्रभावित हुआ होगा.”शाह ने कहा था कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान “भारत-पाक मैच” जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे और पार्टी की हार के लिए ऐसे बयान जिम्मेदार रहे हो सकते हैं.बिहार चुनाव पर पार्टी की नज़रें
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि अब पार्टी की नज़रें बिहार विधानसभा चुनाव पर हैं, जहां उसका जद (यू) के साथ गठबंधन है और पार्टी राज्य में जीत सुनिश्चित करना चाहती है.सूत्रों ने बताया कि पार्टी नहीं चाहती है कि उसके नेता भड़काऊ बयान दें जिससे पार्टी का नाम खराब हो. उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां जनता दल (यूनाइटेड) को पसंद नहीं आ सकती हैं जो कभी भी अपनी धर्मनिरपेक्षता दिखाने से नहीं हिचकिचाती है.बिहार में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू-भाजपा की सरकार है.ये भी पढ़ें-धर्म-जाति देखे बिना काम करती है पुलिस, उनका सम्मान करना चाहिए : अमित शाहदिल्ली में कब तक जारी रहेगी ‘फ्री बिजली-पानी’ सुविधा? केजरीवाल ने दिया यह जवाब

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.

First published: February 16, 2020, 8:22 PM IST
Source: News18 News

Related posts