कोई टेलीकॉम कंपनी दिवालिया हुई तो बैंकों को चुकानी पड़ेगी कीमत- SBI चेयरमैन

दिवालियापन की स्थिति में असर व्यापक होगा

SBI के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी दूरसंचार कंपनी (Telecom Companies) के दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी दूरसंचार कंपनी (Telecom Companies) के दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों को उसकी ‘कीमत चुकानी पड़ेगी.’ इससे पहले शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने यह स्पष्ट किया था कि दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये के सांविधिक बकाये का भुगतान करना होगा. बता दें कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाये भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद टेलिकॉम विभाग (Department of Telecom) ने कहा कि कंपनियां आज आधी रात से पहले बकाये का भुगतान करें.दिवालियापन की स्थिति में असर व्यापक होगादेश के सबसे बड़े कर्जदाता एसबीआई के प्रमुख ने कहा कि बैंक आगे के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. जब कुमार से यह पूछा गया कि यदि कोई दूरसंचार कंपनी दिवालियापन की ओर बढ़ती है तो इसका बैंकों पर क्या असर होगा, उन्होंने कहा, ‘अगर किसी भी उद्यम पर नकारात्मक असर होता है तो इसका असर एक व्यापक व्यवस्था पर होगा. चाहें वे बैंक हों, चाहें कर्मचारी हों, चाहें वे वेंडर हों या ग्राहक, हर कोई प्रभावित होगा. ये भी पढ़ें: अप्रैल से सुकन्या और PPF खाते को लेकर होगा बड़ा बदलाव! अब भी नहीं चुकाना होगा इन 9 आय पर टैक्सAircelऔर RCom को एनपीए कैटिगरी में रखा गयाएक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस समय एयरसेल और आरकॉम के खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. दोनों कंपनियों ने दिवालिया घोषित होने के लिए आवेदन किया है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बैंक जमाओं की बीमाराशि में बढ़ोतरी के चलते प्रीमियम का भार ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा.ये भी पढ़ें: तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस- कराएगी तीन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानिए रूट और किराए के बारे में….क्या होता है AGR?साथ ही कोर्ट ने टेलिकॉम विभाग से भी कंपनियों को राहत पर सवाल उठाया है. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि टेलिकॉम विभाग ने कैसे नोटिफिकेशन जारी किया कि अभी भुगतान ना करने पर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी. टेलिकॉम कंपनियों को रेवेन्यू का कुछ हिस्सा सरकार को स्पेक्ट्रम फीस जिसे स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC) और लाइसेंस फीस के रूप में जमा करना होता है. टेलिकॉम कंपनियों का डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) से लाइसेंस अग्रीमेंट होता है. अग्रीमेंट में ही एजीआर से जुड़े कंडीशन्स होते हैं.ये भी पढ़ें: Loan लेना चाहते हैं तो जान लें ये जरूरी बातें, बैंक हो या नान-बैंकिंग कंपनी, फटाफट करेंगे अप्रुव

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First published: February 16, 2020, 10:06 AM IST
Source: News18 News

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