केजरीवाल ने क्यों कहा तो मुझ पर लानत है?

ये दिल्ली वालों की जीत- केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली वालों को अपने संबोधन में केजरीवाल ने कई बड़ी बात कहीं हैं। मसलन उन्होंने खुद को दिल्ली का बेटा बताते हुए कहा है कि यह उनकी जीत नहीं दिल्ली वालों की जीत है। सीएम के मुताबिक, यह एक दिल्ली वाले, एक-एक मां,एक-एक बहन, एक-ए विद्यार्थी की जीत है। उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में यही कोशिश रही कि दिल्ली का किसी तरह से तेजी से विकास हो और अगले 5 वर्षों में भी यही प्रयास रहेगा। उन्होंने लोगों से कहा कि सब लोग अपने गांव में फोन करके बता देना कि हमारा बेटा सीएम बन गया है, अब कोई चिंता की बात नहीं है। पीएम मोदी का भी मांगा आशीर्वाद इस दौरान केजरीवाल ने दावा किया कि पिछले 5 वर्षों में उन्होंने किसी के भी साथ सौतेला बर्ताव नहीं किया। किसी भी पार्टी के लोग जो उनके पास काम लेकर आए, सबका काम किया। आपने जिसे भी वोट दिया है, अब दिल्ली के सारे 2 करोड़ लोग मेरा ही परिवार है। वे बोले की आज से मैं सिर्फ आम आदमी पार्टी का नहीं, बल्कि सबका मुख्यमंत्री हूं चाहे किसी ने भाजपा को वोट दिया हो या चाहे किसी ने कांग्रेस को। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान उन्हें विरोधियों ने जो कुछ भी कहा उसके लिए अब वो उन्हें माफ करते हैं। उन्होंने कहा कि शपथग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री जी को भी उन्होंने आमंत्रित किया था, लेकिन किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहने की वजह से वो नहीं आ पाए। उन्होंने दिल्ली को आगे ले जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का भी आशीर्वाद मांगा। ….तो मुझ पर लानत है- केजरीवाल तीसरी बार सरकार बनाने के बाद दिल्ली में मुफ्त की सुविधाओं को लेकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों पर भी केजरीवाल ने विरोधियों को जवाब देने की कोशिश की है। उनके मुताबिक ‘कुछ लोग कहते हैं कि केजरीवाल सब कुछ फ्री कर रहा है। इस दुनिया में जितनी भी कीमती चीजें हैं वो फ्री हैं। मां और पिता का प्यार फ्री होता है….. श्रवण कुमार की सेवा फ्री थी….. मैं दिल्ली वालों से और दिल्ली वाले केजरीवाल से बहुत प्यार करते हैं….. अगर मैं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, अस्पताल में इलाज के लिए पैसे लेने लगूं तो लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर……. उन्होंने कहा कि जल्द ऐसा समय आएगा, जब पूरी दुनिया में भारत का डंका बजेगा। तो लानत कहकर बच निकले केजरीवाल! लगता है कि केजरीवाल ने अपनी भारी जीत के बाद बहुत ही चतुराई से ‘मुफ्तखोरी’ के आरोपों पर विरोधियों का मुंह बंद करने की कोशिश की है। हालांकि, उन्होंने उन मुद्दों को शायद बड़ी ही सफाई से चर्चा से दूर रखा है, जिसको लेकर असल में उनपर दिल्ली की जनता को ‘मुफ्तखोरी’ की आदत डालने के आरोप लगते आए हैं। ये मुद्दा मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और मुफ्त में मेट्रो और डीटीसी सेवाओं को लेकर उठाया जाता है। जिसको लेकर कई वित्त विशेषज्ञ भी सवाल उठाते रहे हैं कि अगर सरकार राहत देना ही चाहती है तो जरूरतमंदों के लिए मुफ्त की व्यवस्था करे, जो लोग सक्षम हैं उन्हें मुफ्त में देने का क्या मतलब है? लेकिन, उन्होंने फिलहाल इस मुद्दे को बच्चों की शिक्षा और मोहल्ला क्लीनक से जोड़कर आरोपों से बहुत अच्छी तरह बच निकलने की कोशिश की है। दिल्ली ने बजाया नई राजनीति का डंका-केजरीवाल अपनी जीत के बारे में अरविंद केजरीवाल ने ये भी दावा किया है कि दिल्ली वालों ने तो देश की राजनीति ही बदल दी है। उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक और फ्री बिजली जैसी खबरें आने के बाद दिल्ली की नई राजनीति का डंका देशभर में बजना शुरू कर हुआ है। उन्होंने ये भी दावा किया कि ‘दिल्ली को केजरीवाल नहीं चलाता, दिल्ली को ऑटो वाले, शिक्षक, डॉक्टर, छात्र और सभी दिल्ली वाले चलाते हैं। नेता और पार्टियां आते जाते रहते हैं लेकिन दिल्ली आगे बढ़ती है तो इसे दिल्ली के निर्माता आगे बढ़ाते हैं।’ टोपी से दूरी, ‘राज’तिलक से नई पारी खास बात ये रही कि मुख्यमंत्री ने मंच से भारत माता की जय और वंदे मातरम् जैसे नारे भी लगवाए। केजरीवाल ने दिल्ली की वजह से देश की राजनीति बदलने की बात की है, लेकिन पिछले दो बार की तुलना में अबकी बार उनकी राजनीति भी बदली हुई नजर आई है। क्योंकि, पिछले दो शपथग्रहण में केजरीवाल ने पार्टी की टोपी लगाई थी, लेकिन, इस बार उन्होंने टोपी से किनारा कर लिया और माथे पर ‘राज’तिलक लगाकर पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक अब उन्होंने सरकारी कार्यकर्मों में टोपी पहनना छोड़ दिया है।
Source: OneIndia Hindi

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