इनको भी मिलेगा 3 हजार रुपये वाली पेंशन स्कीम का फायदा, सरकार कर रही विचार

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का मिलेगा फायदा

PMSYM: मूल रूप से यह पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र (Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan) के श्रमिकों को पेंशन देने के लिये बनाई गई थी लेकिन अब इसके दायरे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को भी शामिल करने की सरकार की योजना है.

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नई दिल्ली. सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) और सहायकों को पेंशन योजना के दायरे में शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने संसद की एक समिति को यह जानकारी दी. मूल रूप से यह पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र (Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan) के श्रमिकों को पेंशन देने के लिये बनाई गई थी लेकिन अब इसके दायरे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को भी शामिल करने की सरकार की योजना है. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन देने के लिये एक योजना शुरू की जायेगी जो मूल रूप से भवन निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के लिये है. लेकिन हम इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायकों को भी शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं. इस संबंध में हमने हाल ही में एक फाइल वित्त विभाग को भेजी है.महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायकों के लिये दो प्रकार की बीमा योजनाएं शुरू की गई है. इसमें एक जीवन बीमा और दूसरा दुर्घटना बीमा है. इसके सम्पूर्ण प्रीमियम का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है. बता दें कि तत्कालीन केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से जुलाई 2019 में दी गई एक जानकारी में बताया गया था कि देश के सभी राज्यों में जून 2019 तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कुल 13,99,697 पद स्वीकृत थे. इसके सापेक्ष 13,02,617 पदों पर कार्यकर्ता तैनात हैं. केंद्र की प्रस्तावित पेंशन योजना से बड़े पैमाने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायाकों को फायदा होगा. ये भी पढ़ें: FASTag के लिए अपने पैसे नहीं करने होंगे खर्च, 29 फरवरी तक यहां मिल रहा मुफ्तआंगनवाड़ी केंद्रों में शिशु गृहों (क्रेच) के निर्माण के बारे में समिति के सवाल के जवाब में मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 25 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों में क्रेच का निर्माण किया जाना है लेकिन इस संबंध में हमने ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं की है. अपने मानदंडों के अनुरूप 5 प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्रों को क्रेच के रूप में विकसित करने की कोशिश भी की थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली.महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने समिति को बताया, अब हमने शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से एक कार्यक्रम तैयार किया है और इसके लिये वित्त मंत्रालय के पास जा रहे हैं. हम शहरी क्षेत्रों में क्रेच सुविधा के लिये 25 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को लेने जा रहे हैं. हम इस पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं . हमें बहुत जल्दी सफलता मिलने की उम्मीद है. शहरी झुग्गी बस्तियों में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण के बारे में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने लोक लेखा समिति को बताया, इस संबंध में समस्या इसलिये पैदा होती है कि 10 प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्रों में हैं जहां झुग्गी बस्तियां बन गयी हैं. हमारे पास उनके लिये कोई फंड नहीं है. हम शहरी विकास मंत्रालय के साथ समन्वय की कोशिश कर रहे हैं. ये भी पढ़ें: इन बैंकों में है सेविंग अकाउंट तो हो जाएं खुश! मिल रहा है 7 फीसदी ब्याजमंत्रालय के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पहले प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र के निर्माण के लिये 2 लाख रुपये की राशि दे रहा था. वित्त मंत्रालय ने इसे घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया है और उसे भी प्रतिपूर्ति के आधार पर कर दिया है. इसलिये राज्य सरकार अपनी ओर से कोई अतिरिक्त राशि नहीं दे पा रही हैं.रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा, शीघ्र ही हम व्यय वित्त समिति के पास जायेंगे और उनसे मूल योजना वापस लाने का अनुरोध करेंगे. हम दो लाख रूपये की मूल राशि बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं.
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First published: February 16, 2020, 1:43 PM IST
Source: News18 News

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