अंतरराष्ट्रीय आतंकी और JeM का सरगना मसूद अजहर परिवार समेत लापता- पाकिस्तान

जैश का सरगना मसूद अजहर गायब हो गया- पाकिस्तान पाकिस्तान ने ग्लोबल टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्थान फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स या एफएटीफ से कहा है कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना और उसका संस्थापक मसूद अजहर परिवार के साथ लापता है। बता दें कि अजहर को पिछले साल 1 मई को युनाइटेड नेशन सुरक्षा परिषद की 1267 कमिटी ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था। सूत्रों के मुताबिक जब पिछले साल अक्टूबर में फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की बैठक में पाकिस्तान से मसूद अजहर के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा गया तो उसने यही बात “दोहराई कि मसूद अजहर और उसका परिवार लापता है।” इतना ही नहीं पाकिस्तान इसका भी जवाब नहीं दे पाया कि अजहर, मुंबई हमलों के हैंडलर जकी-उर-रहमान लखवी या हक्कानी सरगना के खिलाफ वित्तीय जांच क्यों शुरू नहीं की गई। बता दें कि एफएटीफ अभी टेरर फाइनेंसिंग को लेकर ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक ये जांच कर रहा है कि पाकिस्तान उसके तहत कदम उठा रहा है या नहीं। इसकी अध्यक्षता अभी चीन के पास है, जो कि पाकिस्तान को बचाने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहा है। पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है मसूद अजहर बता दें कि जैश ने ही पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में 12 दिन बाद भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के एक ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया था, जिसमें सैकड़ों आतंकियों, सुसाइड बॉम्बर्स और उनके ट्रेनर्स मारे गए थे। 5 मार्च, 2019 को पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने इस प्रतिबंधित आतंकी संगठन के 44 आतंकियों को एहतियातन हिरासत में लिया है, जिसमें अजहर मसूद का बेटा हमाद और उसका भाई अब्दुल रऊफ भी शामिल है। हाफिज समेत सिर्फ 9 ग्लोबल टेररिस्ट की मौजूदगी मानी पाकिस्तान ने ये भी दावा किया है कि वहां यूएन से घोषित सिर्फ 16 आतंकी थे, जिनमें से 7 की मौत हो चुकी है। बाकी जो 9 जिंदा बचे हैं उनमें से सात ने यूएन के सामने वित्तीय और यात्रा पर लगी पाबंदियों को हटाने के लिए आवेदन दिया हुआ है। इन 7 आतंकियों में लश्कर एक तैयबा सरगना और मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, लश्कर का फाइनेंसर और सदस्य हाजी मोहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी, याह्या मोहम्मद मुजाहिद, आरिफ काश्मी और अल-कायदा का फाइनेंसर अब्दुल रहमान शामिल है। इनके बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने एफएटीफ से ये भी दावा किया है कि वह 222 मामलों में टेरर फाइनेंसरों को सजा दिलाने में कामयाब रहा है, लेकिन इनमें से ज्यादातर को महज कुछ दिनों की जेल की ही सजा मिली। पेरिस में है एफएटीफ की अहम बैठक फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की अंतिम बैठक इसी साल जनवरी में बीजिंग में हुई थी, जिसके बारे में बताया जाता है कि काउंटर-टेरर के लिए निर्धारित 27 मुख्य लक्ष्यों में से 14 में पाकिस्तान की क्लीनचिट मिल गई थी, इसीलिए उसे ब्लैकलिस्टेड नहीं घोषित किया गया। इस टास्क फोर्स के पूरे ग्रुप की आखिरी बैठक 16 फरवरी यानि रविवार से ही पेरिस में शुरू हो रही है। अगर इस बैठक में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाता है तो पाकिस्तान को आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एडीबी और यूरोपियन यूनियन से पैसे मांगना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल पाकिस्तान को सुधरने का मौका देने के लिए ग्रे लिस्ट में रखा गया है। जून 2018 में ग्रेस लिस्ट में आया था पाकिस्तान गौरतलब है कि फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला था और उसे अक्टूबर 2019 तक टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कुछ प्लान ऑफ ऐक्शन दिया गया था। अगर पाकिस्तान संतोषजनक रवैया नहीं अपनाता तो उसपर इरान और नॉर्थ कोरिया के साथ ब्लैकलिस्ट होने की तलवार लटकी हुई थी। हालांकि, तब पाकिस्तान शायद किसी तरह चीन को मैनेज करके इस लिस्ट में जाने से बच निकला,लेकिन एक बार फिर उसपर यह संकट गहरा सकता है। एफएटीफ का गठन 1989 में किया गया था। इसका मकसद टेरर फाइनेंसिंग, मनी लॉन्ड्रिंग जैसी बातों पर नजर रखना है, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। हाफिज को सजा या कोई नया हथकंडा ? बता दें कि मुंबई हमलों के मास्टर माइंड और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को पिछले 12 फरवरी को ही टेरर फाइनेंस के आरोपों में लाहौर की एक कोर्ट ने साढ़े 5 साल की सजा सुनाई है। ये पहला मौका है जब सईद को किसी कोर्ट ने सजा सुनाई है। हाफिज पर यह केस पिछले साल जुलाई में दर्ज किया गया था। माना जा रहा है कि इस तरह की कार्रवाई भी पाकिस्तान की ओर से फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स के आंखों में धूल झोंकने का ही एक हथकंडा है।
Source: OneIndia Hindi

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