CAA का शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे लोग देशद्रोही या गद्दार नहीं : बॉम्बे HC

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में अलग-अगल जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है. (फाइल फोटो)

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने ये टिप्पणी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दी.

News18Hindi
Last Updated:
February 15, 2020, 9:26 AM IST

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औरंगाबाद. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘उन्हें सिर्फ इसलिए गद्दार और देशद्रोही नहीं कहा जा सकता क्योंकि वे कानून का विरोध करना चाहते हैं’. बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी सीएए के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दी.बेंच ने कहा, इस तरह का आंदोलन सीएए के प्रावधानों की अवेहलान नहीं करता. कोर्ट से ऐसे व्यक्तियों के शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरू करने के अधिकार पर विचार कने की अपेक्षा की जाती है. बेंच ने कहा केवल इसलिए किसी को देशद्रोही या गद्दार नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह एक कानून का विरोध करना चाहते हैं. इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने अडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और मजलगांव सिटी पुलिस द्वारा दिए गए दो आदेशों को भी रद्द कर दिया.बेंच ने कहा, भारत को आजादी उन आंदोलन की वजह से मिली थी जो अहिंसक थे. अहिंसा का रास्ता आज तक इस देश में अपनाया जा रहा है. हम भाग्यशाली है कि हम उस देश में रहते हैं जहां पर अधिकांश लोग अभी भी अहिंसा में विश्वास रखते हैं.इसे भी पढ़ें :- सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला पुडुचेरी पहला केंद्र शासित राज्य बना शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. (प्रतीकात्मक फोटो)सरकार के खिलाफ आंदोलन कर सकते हैंबेंच ने कहा, सीएए का विरोध कर रहे याचिकाकर्ता और उनके साथ के लोग शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करना चाहते हैं. बेंच ने कहा, ब्रिटिश काल में हमारे पूर्वजों ने मानव अधिकारियों के लिए भी संघर्ष किया था और उस आंदोलन के पीछे के कारणों को देखते हुए ही हमारा संविधान बनाया गया. जनता की आवाज को केवल इसलिए दबाया नहीं जा सकता क्योंकि वह सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहते हैं.इसे भी पढ़ें :- जानिए यूपी में कहां-कहां बन गए हैं ‘शाहीनबाग’, CAA के खिलाफ दिन-रात चल रहा प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन करती महिलाएं. (फाइल फोटो)एडीएम ने कानून-व्यवस्था खराब होने का दिया था हवालाएडीएम के आदेश में बीड के पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया था कि आंदोलन के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होती है. याचिकाकर्ता इफ़्तेख़ार ज़की शेख को माजलगांव के पुराने ईदगाह मैदान में सीएए और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति से इनकार कर दिया गया था.इसे भी पढ़ें :- CAA-NRC के खिलाफ चेन्नई में तेज हुआ विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

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First published: February 15, 2020, 9:12 AM IST
Source: News18 News

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