2024 से पहले फिर हो सकता है पुलवामा जैसा हमला: कांग्रेस नेता उदित राज

नई दिल्ली: पुलवामा हमले की पहली बरसी पर राजनीतिक बयान बाजी अब भी जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हमले को लेकर बीजेपी से तीन सवाल पूछे थे तो वहीं अब उनके ही पार्टी प्रवक्ता ने शहीद सैनिकों पर विवादित बयान दे दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज के मुताबिक, पुलवामा हमले में जिन शहीद जवानों ने जान गंवाई है वह दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय के आते है. इतना ही नहीं राहुल गांधी के बयान को उदित राज ने सही ठहराते हुए कहा कि 2024 से पहले एक बार फिर पुलवामा हमला हो सकता है.

सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं और जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे SC/ST/OBC समुदायों से आते हैं.हाशिए पर खड़े समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है.https://t.co/qaYWuLSc7K
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 15, 2020

उदित राज ने ट्वीट कर लिखा- ‘सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं. जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे दलित, आदिवासी और पिछड़ी समुदायों से आते हैं. हाशिए पर खड़े समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है.’

जो लोग सत्ता पाने के लिये गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वो सत्ता बनाये रखने के लिये 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं।
इनके लिये देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 15, 2020

उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग सत्ता पाने के लिए गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वे सत्ता बनाए रखने के लिए 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं. इनके लिए देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है.’’

राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाया की पुलवामा हमले के जांच का नतीजा अभी तक नही आया जब गृहमंत्रालय को खबर मिल गयी थी कि CRPF को रोड से नहीं बल्कि एयर से ले जाना चाहिए तो इजाजत नहीं दिया अर्थात राजनैतिक लाभ के लिए यह घटना होने दिया।.@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 14, 2020

इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान का समर्थन करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा- ‘‘राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाया कि पुलवामा हमले के जांच का नतीजा अभी तक नही आया. जब गृह मंत्रालय को खबर मिल गई थी कि सीआरपीएफ को रोड से नहीं बल्कि एयर से ले जाना चाहिए तो इजाजत नहीं दिया अर्थात राजनैतिक लाभ के लिए यह घटना होने दिया.’’
उदित राज ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘राहुल जी ने बहुत ही माकूल सवाल किया है. पूरे देश को पूछना चाहिए इनसे कि पुलवामा हमले में क्या सच्चाई है. जब 14 फरवरी 2019 को ये हुआ तो बीजेपी के कार्यकर्ता पूरे देश में कैंडल मार्च निकालने लगे. ये विपक्ष का काम है. पक्ष का काम है तुरंत पता लगाइए. पक्ष विपक्ष दोनों के काम को बीजेपी अपने ऊपर डाल दी और उससे चुनाव जीते जो राहुल जी ने उठाया है. हम पूरा समर्थन करते हैं. जांच होनी चाहिए वरना 2024 से पहले भी ऐसा कुछ होगा इस देश में.’
क्या था राहुल गांधी का सवाल
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर पुलवामा हमले पर तीन सवाल पूछे. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज जब हम पुलवामा के चालीस शहीदों को याद कर रहे हैं, तब हमें पूछना चाहिए कि पुलवामा आतंकी हमले से किसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ?  पुलवामा आतंकी हमले को लेकर हुई जांच से क्या निकला? सुरक्षा में चूक के लिए मोदी सरकार में किसकी जवाबदेही तय हुई?’

Today as we remember our 40 CRPF martyrs in the #PulwamaAttack , let us ask:
1. Who benefitted the most from the attack?
2. What is the outcome of the inquiry into the attack?
3. Who in the BJP Govt has yet been held accountable for the security lapses that allowed the attack? pic.twitter.com/KZLbdOkLK5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 14, 2020

राहुल पर बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान की निंदा करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया और कहा पुलवामा नृशंस हमला था. उन्होंने कहा, ‘यह एक नृशंस बयान है कि किसको फायदा हुआ. क्या गांधी परिवार कभी फायदे से आगे बढ़कर सोच सकता है. इनकी आतमाएं भी भ्रष्ट हो चुकी हैं.’
बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए उदित
उदित राज भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) से पूर्व सांसद रह चुके हैं. टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी का दामन छोड़ दिया था और कांग्रेस हाथ थाम लिया. उदित राज दलित राजनीति में जाने-माने चेहरा हैं. अक्सर वे विवादित बयान देते रहते हैं.
कैसे हुआ था पुलवामा हमला
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. यह हमला जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किया गया था. इस हमले के बाद पूरा देश सहम गया था. जांच में यह सामने आया था कि इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े थे. इसके बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया. सरकार के मुताबिक, इसमें  200-300 आतंकवादी मारे गए.
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Source: HW News

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