सरकारी बैंकों के ‘मेगा मर्जर’ पर सही समय पर जारी होगी अधिसूचना, देरी की कोई वजह नहींः सीतारमण

Publish Date:Sat, 15 Feb 2020 03:53 PM (IST)

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार ग्रामीण इलाकों में बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कृषि ऋण की मॉनिटरिंग कर रही है। उन्होंने अगले वित्त वर्ष में 15 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण के वितरण की उम्मीद जाहिर की। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य 11 फीसद बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। 
आरबीआइ सेंट्रल बोर्ड को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”क्रेडिट लिमिट बढ़ाई गई है। मैं आश्वस्त हूं कि निचले स्तर की जरूरतों के हिसाब से किया गया है…हमें उम्मीद है कि मांग बढ़ेगी और कर्ज की जरूरत की पूर्ति होगी। मैं बैंकों और उनके लोन वितरण और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज के वितरण की निगरानी कर रही हूं। इसलिए मुझे लगता है कि हम ऐसा करने में सफल रहेंगे।”

सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में किसानों की आय में बढ़ोत्तरी से जुड़ी योजना PM-KISAN के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। चालू वित्त वर्ष में भी इस मद में इतनी ही राशि का आवंटन किया गया था। हालांकि, संशोधित अनुमान में इस स्कीम के लिए आवंटन घटाकर 54,370 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 
चालू वित्त वर्ष के दौरान 13.5 लाख करोड़ रुपये के कृषि वितरण का लक्ष्य है। आम तौर पर कृषि ऋण पर नौ फीसद का ब्याज लगता है। हालांकि, सरकार किसानों को दिए जाने लोन पर दो फीसद की सब्सिडी दे रही है। इससे किसानों को तीन लाख रुपये तक का लोन सात फीसद के सालाना ब्याज पर मिल रहा है।

पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्रस्तावित महाविलय के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि शनिवार को आरबीआइ बोर्ड बैठक में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, ”मुझे कोई ऐसा कारण नजर नहीं आता, जिसकी वजह से फैसला वापस लेना पड़े या नोटिफिकेशन जारी करने में किसी तरह की देरी हो रही हो…आपको उचित समय पर इस बारे में जानकारी मिलेगी।”
Posted By: Ankit Kumar

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Source: jagran.com

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