मानहानि मामले में पेश नहीं हुए शशि थरूर तो कोर्ट ने लगाया 5,000 रु. का हर्जाना

कांग्रेस सांसद शशि थरूर पीएम मोदी को लेकर की गई टिप्पणी के बाद विवादों में फंस गए थे. फाइल फोटो. पीटीआई

दिल्ली की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ कथित तौर पर ‘बिच्छू’ संबंधी टिप्पणी करने को लेकर दायर मानहानि मामले की सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर शनिवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) पर 5,000 रुपए का हर्जाना लगाया.

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नई दिल्‍ली. दिल्ली की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ कथित तौर पर ‘बिच्छू’ संबंधी टिप्पणी करने को लेकर दायर मानहानि मामले की सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर शनिवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) पर 5,000 रुपए का हर्जाना लगाया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य पर यह कहते हुए हर्जाना लगाया कि अदालत के निर्देश के बावजूद वह उपस्थित नहीं हुए. अदालत दिल्ली भाजपा के नेता राजीव बब्बर (Rajiv Babbar) द्वारा दायर की गई शिकायत पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने दावा किया था कि उनकी (शिकायतकर्ता की) धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.बब्बर ने शिकायत में कहा था, ‘मैं भगवान शिव का भक्त हूं…लेकिन आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिवभक्तों की भावना का अनादर किया और ऐसा बयान दिया जिससे देश-विदेश में शिवभक्तों की भावनाएं आहत हुईं.’अधिवक्ता नीरज के मार्फत दायर शिकायत में कहा गया है, ‘शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और आरोपी ने दुभार्वना से जानबूझकर ऐसा किया, उसकी मंशा शिवभक्तों के धार्मिक विश्वास का अपमान कर उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचना था.’वहीं, थरूर ने दावा किया था कि एक अज्ञात आरएसएस नेता ने मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे एक बिच्छू से की थी.थरूर की ओर से दायर मानहानि मामले में कोर्ट ने रविशंकर प्रसाद को समन कियाकेरल की एक अदालत ने कांग्रेस नेता एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया. थरूर के वकील ने मीडिया को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंत्री को दो मई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया. थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के संदर्भ में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के लिए दिसंबर 2018 में प्रसाद के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था.इससे पहले थरूर ने उन्हें ‘हत्या का आरोपी’कहने के लिए विधि न्याय एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद को कानूनी नोटिस भेजकर ‘बिना शर्त माफी मांगने’को कहा था. थरूर ने कहा था कि पुष्कर मामले में जांच पूरी हो गई है और दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट भी दायर कर दी, जिसमें उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308 और 498 ए के तहत आरोप पत्र दायर किए गए थे. थरूर ने कहा, ‘अंतिम रिपोर्ट यह नहीं कहती है पुष्कर की मौत हत्या थी.’यह भी पढ़ें…भ्रष्टाचार के खिलाफ CM योगी सख्‍त, 12 दिन में 25 अफसरों पर गिरी गाजATM से कैश निकालना आपकी जेब पर पड़ेगा भारी! जानिए पूरा मामला

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First published: February 15, 2020, 6:27 PM IST
Source: News18 News

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