जम्मू-कश्मीर पंचायत उपचुनावों के लिए पहली अधिसूचना जारी, 5 मार्च को होगा मतदान

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद होगा पहला पंचायत चुनाव

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Election Officer) शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि उपचुनावों (By-elections) में 12,650 सरपंचों और पंचों को चुना जाना है.

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जम्मू. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Election Officer) शैलेन्द्र कुमार ने आठ चरणों में होने वाले पंचायत उपचुनावों (Panchayat by-elections) के लिए शनिवार को पहली अधिसूचना (First Notification) जारी कर दी. एक अधिकारिक प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी.मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Election Officer) शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि उपचुनावों (By-elections) में 12,650 सरपंचों और पंचों को चुना जाना है.पांच मार्च को सुबह 9 से दोपहर 1 के बीच होगा पहले चरण का मतदानप्रवक्ता ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार नामांकन पत्र (Nomination Letter) दाखिल करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी है. 24 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 26 फरवरी तक नाम वापस लिये जा सकते हैं.उन्होंने कहा कि पहले चरण में पांच मार्च को सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे के बीच मतदान (Voting) होगा.कश्मीर घाटी के 10 जिलों और जम्मू के 6 जिलों के लिए जारी की गई अधिसूचनाप्रवक्ता ने कहा कि चुनाव संपन्न कराने की अंतिम तिथि 26 मार्च तय की गई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी (Kashmir Vally) के 10 जिलों में फैले 24 ब्लॉक और जम्मू डिवीजन के छह जिलों के 53 ब्लॉकों के लिए अधिसूचना जारी की गई है.पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद क्षेत्र में यह पहली बड़ी चुनावी प्रक्रिया होगी.कई प्रतिनिधियों के निधन और इस्तीफे के बाद खाली हो गए हैं पंचायत पदजम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछला पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर, 2018 में हुआ था. कई निर्वाचित प्रतिनिधियों के निधन और कई के इस्तीफे से पदों के रिक्त होने के कारण ये उपचुनाव कराए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को संसद में गृहमंत्री अमित शाह (Home Ministry Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का ऐलान किया था. इसी के साथ उन्होंने बताया था कि जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया है. बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद संविधान द्वारा प्रदेश को मिला विशेष राज्य का दर्जा निरस्त हो गया था.यह भी पढ़ें: ई-वोटिंग: वोट डालने घर आना नहीं होगा जरूरी, कहीं से भी कर सकेंगे मतदान

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First published: February 15, 2020, 11:13 PM IST
Source: News18 News

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